Bahan Ki Choot Ka Kabada
प्रेषक : गुड्डू
हैल्लो दोस्तों, में गुड्डू आप सभी के सामने अपनी दूसरी सच्ची कहानी लेकर एक बार फिर आ गया हूँ। दोस्तों गुड़िया मेरी बहन का नाम है, वो मुझसे छोटी है और वो अपने गदराए सेक्सी बदन की वजह से किसी व्यस्क औरत से कम नहीं लगती है। वो बहुत सुंदर और उसके फिगर का आकार 36-28-36 है और उसका रंग गोरा है, उसकी चूत एकदम गुलाबी रंग की है और वो हमेशा अपनी चूत को साफ रखती है, उसे सेक्स करने में शुरू से ही बहुत मज़ा आता है। वैसे उसे सबसे पहले सेक्स करने की ट्रंनिंग मैंने ही दी थी। मैंने उसको ब्लूफिल्म दिखा दिखाकर कई बार जमकर चोदा और उसकी कुंवारी चूत के मज़े लिए और उसको चुदाई का चस्का लगा दिया, जिसकी वजह से अब उसको लंड लेने की एक आदत सी हो गई है। एक बार मैंने उसे एक ब्लूफिल्म की सीडी अपने कंप्यूटर पर दिखाई। वो एक इंग्लीश फिल्म थी, जिसमें एक लड़की के साथ तीन लड़के सेक्स कर रहे थे और उन तीनों ने उसको बारी बारी से चोदा। कोई उसकी गांड मारता तो कोई उसकी चूत और एक ने अपना लंड उस लड़की के मुहं में डाला हुआ था। वो बहुत मज़े से उन तीनों के लंड का एक साथ तो कभी एक एक करके मज़ा ले रही थी और वो लड़की उन तीनों लड़को को पूरी तरह से चुदाई का मज़ा दे रही थी। यह फिल्म देखने के बाद गुड़िया ने भी मुझसे ग्रुप सेक्स की अपनी इच्छा जाहिर की और गुड़िया मुझसे बोली।
गुड़िया : भैया क्या में भी इस तरह से तीन लड़को के साथ सेक्स कर सकती हूँ?
में : हाँ तुम कर तो सकती हो, लेकिन इस तरह के खेल में मज़े के साथ साथ दर्द भी बहुत होता है पता नहीं किस लड़के का लंड कितना बड़ा होगा और तुम तो यह बात भी बहुत अच्छी तरह से जानती हो कि एक बार अगर लंड खड़ा हो जाता है तो उसे वापस सुलाने में बहुत मेहनत करनी पड़ती है।
गुड़िया : भैया रही बात बड़े लंड की तो आपका लंड भी कोई छोटा तो नहीं है, जब में आपके लंड को इतनी अच्छी तरह से झेल सकती हूँ तो फिर में किसी का भी लंड झेल सकती हूँ और मुझे पूरी पूरी उम्मीद है कि में उन सभी का लंड भी झेल सकती हूँ जिनको आप मेरी चुदाई के लिए लेकर आओगे और रही दर्द की बात तो आप उसके बारे में सोचे ही मत, क्योंकि सेक्स के मज़े में होने वाला दर्द भी हमेशा मीठा लगता है। उस संतुष्टि को पाने के लिए में हर एक दर्द को सह सकती हूँ। आप तो बस जल्दी से मेरी चुदाई का प्रोग्राम बनाओ, में आपको हमेशा तैयार ही मिलूंगी।
में : हाँ तो ठीक है तुम्हारी जैसी इच्छा, में कुछ दिनों में एक सेक्स पार्टी का आयोजन करता हूँ और तुम उस मज़े को लेने के लिए तैयार रहना।
गुड़िया : हाँ में बिल्कुल तैयार रहूंगी, लेकिन भाई वो ऐसे लड़के हमे कहाँ मिलेंगे? जो इस काम में हमारा साथ देना पसंद करेंगे, जो मुझे वो सुख पूरा मज़ा देंगे।
में : तुम उसकी फ़िक्र मत करो, में अपने दोस्तों को समझाकर तुम्हारी चुदाई करने के लिए तैयार जरुर कर लूँगा।
गुड़िया : हाँ ठीक है, लेकिन भाई आप अपने हट्टेकट्टे दमदार दोस्तों को ही इस पार्टी में बुलाना कोई मरियल मत ले आना, जो पार्टी की शुरुआत में ही झड़ जाए।
में : तुम चिंता मत करो, में ऐसे बलशाली लड़के अपने साथ लेकर आऊंगा जो तुम्हे चोदकर अधमरा कर देंगे और तुम्हे पूरे जोश से चोदकर तुम्हारा यह सपना जरुर पूरा कर देंगे।
फिर उससे इतना कहकर में हंसी ख़ुशी अपने काम पर चला गया। में उस दिन बहुत खुश था और अपनी बहन की चुदाई की बातें सोच रहा था। वैसे मेरी आदत थी कि में हर दिन ऑफिस से आते समय अपने दोस्तों से ज़रूर मिलता था। मेरे फ्रेंड ग्रुप में चार दोस्त थे। एक में, दूसरा आशु, तीसरा सलीम और चोथा शानू, हम चारों दोस्त बहुत गहरे दोस्त थे और हमारी यह दोस्ती बहुत लंबे समय से थी और हमारे बीच कभी कोई बात नहीं छुपती थी और हम चारों दोस्त अलग अलग काम करते थे। वैसे तो हम सभी अच्छे परिवार से थे, जिसकी वजह से हमे कोई भी नौकरी करने की कोई ज़रूरत नहीं थी, लेकिन फिर भी हम लोग टाइम पास करने के लिए नौकरी किया करते थे। हम सभी अपने अपने ऑफिस से आने के बाद जिम जाते थे और जीम के बाद एक दूध वाले की दुकान पर जाकर दूध पीते थे, इसलिए हमारा शरीर बहुत अच्छा बना हुआ था और हम सभी खुले विचारों वाले व्यक्ति थे और हमारे सभी के परिवार सेक्स में रूचि रखते थे। हम सभी दोस्तों अपने अपने परिवार में सेक्स करते थे, कोई अपनी बहन को चोदता था तो कोई अपनी माँ को और कोई अपनी भाभी को, लेकिन हमने कभी अपने परिवार के सदस्यों को अपने दोस्तों से कभी नहीं चुदवाया था, लेकिन हम आपस में कोई भी बात नहीं छुपाते थे, इसलिए सभी जानते थे कि कौन अपनी परिवार में किस को चोदता है।
फिर जब उसी शाम को हम सभी जिम से फ्री हुए तो हम लोग उस दूध की दुकान पर एकत्रित हुए तो मैंने उन सभी से अपनी बहन गुड़िया के दिल की बात कही। मैंने उनसे पूछा कि इस बारे में उनकी क्या राय है? तो वो सभी मेरी बात को सुनकर तुरंत तैयार हो गये। उस दिन बुधवार था तो हमने सोचा कि क्यों ना हम सभी लोग रविवार के दिन किसी अच्छी सी जगह पर पिकनिक पर चले जाए? पिकनिक पर जाने से घूमने फिरने का मज़ा भी हो जाएगा और किसी को हमारे इस काम का पता भी नहीं चलेगा और फिर हम सभी ने एक हिल स्टेशन पर जाने का प्रोग्राम बना लिया था। फिर हम सभी ने अपने अपने काम को बाँट लिया। आशु को हमने काम दिया कि वो कंडोम और सेक्स शमता को बढ़ाने वाली दवाईयाँ और तेल लेकर आए, सलीम को कहीं से एक गाड़ी लाने के लिए कहा गया और शानू को हम सभी के लिए खाना लाने के लिए कहा गया और में अपनी बहन को चुदाई के लिए तैयार करके ला रहा था, इसलिए किसी ने मुझसे कोई काम नहीं कहा था और इसके बाद हम सभी खुश होकर अपने घर चले गये और रविवार की तैयारी करने लगे। में भी अपने घर पर आ गया और मैंने अपने घर पर आकर अपनी बहन गुड़िया को हमारे बीच हुई सभी बातें बताई तो गुड़िया बहुत खुश हो गई और वो मेरे गाल पर किस करके बोली भाई आप कितने अच्छे है, आपने इतनी जल्दी मेरा काम कर दिया। फिर उसके बाद मैंने घर पर मेरी मम्मी, पापा को झूठ बोलकर उनसे कहा कि आशु का परिवार पिकनिक पर एक हिल स्टेशन जा रहा है, उन्होंने मुझे भी साथ में चलने के लिए कहा है और में अपने साथ गुड़िया को भी ले जा रहा हूँ। दोस्तों मेरा पूरा परिवार आशु को बहुत अच्छी तरह से जानता था, इसलिए उन्होंने मुझे और गुड़िया को पिकनिक पर जाने से मना नहीं किया। फिर पापा ने मुझसे कहा कि हाँ ठीक है तुम सब चले जाओ, यह दिन ही तुम्हारे मज़े करने के है, लेकिन अपनी बहन का ध्यान भी रखना। दोस्तों ये कहानी आप भीआईपीचोटी डॉट कॉम पर पड़ रहे है।
फिर रविवार को सुबह ठीक 8 बजे सलीम मेरे घर पर गाड़ी लेकर आ गया और हम दोनों पहले से ही तैयार थे, इसलिए में और गुड़िया तुरंत गाड़ी में जाकर बैठ गये और उसके बाद सलीम ने शानू और आशु को भी उनके घर से हमारे साथ ले लिया और फिर हमारी गाड़ी अब हिल स्टेशन की तरफ बड़ी और तेज़ी से चलने लगी। गाड़ी में मैंने गुड़िया का परिचय अपने दोस्तों से करवा दिया। गुड़िया अपनी शरारती मुस्कुराहट के साथ उन सभी से मिली गुड़िया ने उस समय गुलाबी रंग की फ्रोक पहनी हुई थी और उसकी फ्रोक थोड़ी छोटी और टाइट भी थी, उसकी वो फ्रोक उसके घुटनों के ऊपर थी, जिसकी वजह से उसकी गोरी गोरी जांघे दिखाई दे रही थी और गुड़िया उस समय बहुत सेक्सी लग रही थी। गाड़ी में पीछे की तरफ में, गुड़िया और आशु बैठे हुए थे सलीम आगे की सीट पर बैठा गाड़ी चला रहा था और उसके पास शानू बैठ हुआ था। हम सभी गाड़ी में पूरे रास्ते मस्ती और सेक्स की बातें कर रहे थे और वो सभी इसलिए गुड़िया से घुल मिल गए और सभी कुछ देर में गरम हो चुके थे। तभी आशु गुड़िया की जाँघ पर अपना एक हाथ रखकर घुमाने लगा। गुड़िया जोश में आने लगी तो मैंने उससे बोला कि साले तू मेरी बहन को गाड़ी में ही चोदेगा क्या? पहले सही जगह पर हम पहुंच तो जाए, फिर चोद लेना, मैंने तुम्हे किसी को रोका थोड़ी है। फिर करीब दो घंटे तक चलने के बाद घने जॅंगल में एक सुनसान कच्चे रास्ते पर सलीम ने गाड़ी को मोड़ दिया और थोड़ी दूर चलने के बाद उसने गाड़ी को रोक भी दिया।
में : सलीम तूने गाड़ी यहाँ पर क्यों रोक दी?
सलीम : क्योंकि यहाँ से आगे का रास्ता हमे पैदल ही चलना होगा और इसके आगे हमारी यह गाड़ी नहीं जा सकती है।
फिर उसके कहने पर हम सभी नीचे उतर गये और अब हम सभी पैदल ही अपनी मंजिल की तरफ चलने लगे और उस रास्ते पर चलते चलते मेरे दोस्त पीछे से गुड़िया की गांड पर हाथ मार मारकर मज़ाक कर रहे थे और साथ साथ सभी दोस्त गुड़िया की सुन्दरता की तारीफ भी करते जा रहे थे। फिर कुछ दूर चलने के बाद हम सभी ने एक जगह पर रुकने का विचार बनाया और उस जगह का नज़ारा बहुत सुंदर था और कुछ देर वहीं आसपास घूमने के बाद गुड़िया अब मुस्कुराते हुए बोली।
गुड़िया : तो आप सभी लोग मुझे आज चोदना चाहते है?
तो हम सभी ने एक साथ जवाब दिया हाँ।
गुड़िया : तो फिर नेक काम में अब देर किस बात की? चलिए अब जल्दी से शुरू हो जाईए।
हम सभी बहुत खुश होते हुए गुड़िया के आसपास उसको घेरकर खड़े हो गये शानू और आशु गुड़िया के सामने खड़े हुए थे, में और सलीम गुड़िया के पीछे खड़े हो गये। अब में और सलीम गुड़िया की गांड को दबाने लगे और शानू और आशु गुड़िया के बूब्स को दबाने लगे मसलने लगे थे। तभी गुड़िया ने तुरंत शानू और आशु का लंड उनकी पेंट की चेन खोलकर बाहर निकाल लिया और उनका लंड उसको दिखते ही वो बोली हायदैया इतने बड़े लंड यह तो आज मेरी चूत का कबाड़ा कर देंगे। उनको लेने से मेरी चूत शायद ही दोबारा लंड लेने के लिए तरसेगी। यह तो मेरी चूत को फाड़कर जरुर उसका भोसड़ा बना देंगे। फिर आशु ने कहा कि वो सब कुछ बाद में होगा, साली कुतिया पहले तू इसको प्यार कर और वो तुरंत उसके लंड को अपने मुहं में लेकर चूसने लगी ओह्ह्ह वाह क्या मस्त चूसा करती थी, वो साली रंडी अब अपने मुहं से उफ्फ्फ आह्ह्ह वाह मज़ा आ गया हाँ पूरा अंदर लेकर चूसने की आवाज़ें कर रही थी और वो ऐसे मस्त होकर उसका लंड चूस रही थी कि जैसे लोलीपोप हो और एक अनुभवी रंडी की तरह बहुत आराम से पूरा अंदर बाहर लेकर चाट और चूस रही थी।
फिर कुछ देर बाद शानू के मुँह से आवाज़ निकली उह्ह्ह्ह गुड़िया सस्स्स्सस्स वाह मुझे बहुत मज़ा आ रहा है आईईई हाँ और ज़ोर से चूस मज़ा आ गया चूस हाँ पूरा अंदर तक ले। अब मैंने गुड़िया की पेंटी को उतार दिया गुड़िया अब बारी बारी से शानू और आशु का लंड सक करने लगी, में गुड़िया की गांड और उसकी गीली चूत में उंगली डालकर उसको गरम करने लगा और कुछ ही देर बाद गुड़िया के मुहं से आहह्ह्हह आम्म्म्ममम उफ्फ्फ की आवाज़ आने लगी थी। फिर इसके बाद आशु ने अपनी जेब से सेक्स क्षमता को बढ़ाने वाली गोलियां निकाली और हम चारों ने वो गोली खा ली। सभी के लंड तनकर खड़े हो चुके थे और अब में गुड़िया के पीछे से आगे आ गया था और आशु गुड़िया के पीछे आ गया। अब हम तीन लोग गुड़िया के आगे थे और आशु गुड़िया की गांड में अपने लंड को अंदर बाहर कर रहा था, जिसकी वजह से गुड़िया आह्ह्ह्हह्ह ओह्ह्ह्हह कर रही थी और उसके बाद शानू गुड़िया के पीछे आ गया और उसने गुड़िया की चूत में अपना लंड डाल दिया और वो लंड को चूत में हिलाने लगा गुड़िया ओफ्फ्फफ्फ्फ़ आअहह माँ मर गई कर रही थी। फिर थोड़ी देर के बाद सलीम ज़मीन पर लेट गया और उसके कहने पर गुड़िया उसके लंड पर जाकर बैठ गई, लेकिन जब सलीम का लंड गुड़िया की गांड में घुस गया तो गुड़िया सलीम के लंड पर लट्टू की तरह नाचने लगी। सलीम का लंड उसकी गांड में पूरा अंदर तक पहुंच चुका था।
अब गुड़िया की पीठ सलीम की तरफ थी और गुड़िया अपनी चुदाई के साथ साथ अपने एक हाथ से शानू का लंड पकड़कर ज़ोर ज़ोर से हिला रही थी और वो अपने दूसरे हाथ से आशु का लंड पकड़कर हिला रही थे और मेरा लंड उसने अपने मुहं में ले रखा था और अब गुड़िया पूरी तरह से जोश में आ चुकी थी और पूरी मस्ती के साथ उससे अपनी चुदाई करवा रही थी। शानू और आशु अपने हाथों से गुड़िया के बूब्स को मसलते दबाते जा रहे थे और में गुड़िया की चूत को सहला रहा था। फिर मैंने अपनी बाहों का सहारा देकर गुड़िया को सलीम के ऊपर लेटा दिया और मैंने अपने लंड को उसकी चूत के मुहं पर रखकर अंदर डालने के लिए एक हल्का सा झटका दिया, जिसकी वजह से वो एकदम सिसक उठी आईईईइ आह्ह्हहह स्सीईईईईई करने लगी। फिर मैंने नीचे की तरफ देखा तो मेरा लंड उसकी चूत में नहीं गया और वो फिसलकर बाहर आ गया। फिर में तुरंत समझ गया कि बिना तेल लगाए मेरा लंड उसकी चूत में नहीं जाएगा, इसलिए मैंने जल्दी से अपने लंड पर कंडोम पहनकर पूरे लंड पर क्रीम लगाई और थोड़ी गांड में भी लगाकर मालिश कर दी और अब मैंने अपने लंड का टोपा उसकी गांड पर रखकर मैंने एक हल्का सा दबाव दे दिया, उसकी चूत के अंदर पहले भी बहुत बार लंड जाने की वजह से वो खुली हुई और चिकनी होने की वजह से लंड को अंदर जाने में ज्यादा दिक्कत नहीं हुई और सर्रर्रर्र से लंड पूरा का पूरा चूत में उतार गया और में अब गुड़िया के पेट पर लेट गया और मैंने हाथ रखकर गुड़िया के बूब्स को पकड़ लिए और अब लंड के लगातार ज़ोर ज़ोर से धक्कों के साथ अंदर जाने के साथ ही गुड़िया के मुहं से चीख निकल गई।
अब सलीम नीचे से अपनी कमर को हिलाने लगा और में ऊपर से गुड़िया की चूत में लंड डाल रहा था। सलीम के दोनों हाथ गुड़िया के कूल्हों पर घूम रहे थे। अब दोनों लंड से गुड़िया की चुदाई शुरू हो गई थी उसको आगे पीछे से लंड के पूरे पूरे मज़े मिलने लगे थे। फिर मैंने भी अब अपनी कमर को झटके देने के साथ साथ हिलाना शुरू कर दिया था और अब मेरे हर एक झटके के साथ उसके मुहं से आह्ह्ह्हह उउुईईईईइ आईईईइ माँ मर गई प्लीज थोड़ा सा धीरे धीरे करो स्सीईईइ की आवाज़ निकल रही थी। फिर मैंने उससे पूछा क्यों तुम्हे अब क्या ज़्यादा दर्द हो रहा है? तभी वो अपनी दबी हुई आवाज से बोली हाँ प्लीज आप थोड़ा धीरे धीरे धक्के मारिए वरना में आज मर ही जाउंगी आह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ प्लीज। फिर मैंने उससे कहा हाँ ठीक है, लेकिन पहले तू मुझे यह बात बता कि मेरा लंड बड़ा है या उन दोनों का? अब वो बोली कि आईईई उफ्फ्फ्फ़ आपका लंड उनसे थोड़ा बड़ा है। दोस्तों अब गुड़िया का जोश बहुत ज्यादा बढ़ गया था और गुड़िया अपनी मस्ती में मस्त थी और वो कहती जा रही थी हाँ लगे रहो मेरे शेर शाबाश आहहहह ऊऊओह हाँ और ज़ोर से आईईईईईईई मुझे अब बहुत अच्छा लग रहा है आज में पहली बार पूरी हुई हूँ और हर एक औरत अपनी चूत में बिना लंड के बिल्कुल अधूरी होती है, लेकिन तुमने तो आज मुझे मेरी गांड, मुहं, चूत हर जगह पर लंड देकर पूरा कर दिया है, वाह क्या शानदार चुदाई करते हो तुम ओफफफ्फ़ मुझे आज बहुत मज़ा आ रहा है हाँ और तेज आह्हह्ह्ह्ह में गई गुड़िया अब ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ लेने लगी और वो हर बार बोली कि तुम अपने लंड को पूरा अंदर तक डालो।
फिर में भी उसकी बातें सुनकर जोश में अजर ज़ोर से लंड को अंदर बाहर करने लगा। वो बोली कि वाह मस्ती आ रही है मुझे भी उफ्फ्फ्फ़ वाह मज़ा आ गया, आज मैंने बहुत दिन बाद जवानी का मज़ा पाया है आह्ह्ह्हह आईईई चोदो मुझे और ज़ोर से धक्के देकर चोदो मुझे ऊऊऊऊओ और बहुत देर तक उसको जमकर चोदने के बाद सलीम और में गुड़िया के ऊपर से उठ गये और अब आशु ज़मीन पर लेट गया। गुड़िया उसके ऊपर बैठ गई और आशु ने अपना लंड गुड़िया की चूत में डाल दिया और पीछे से शानू ने अपना लंड गुड़िया की गांड में डाल दिया और अब वो दोनों गुड़िया की गांड और चूत को तेज धक्के देकर मारने लगे। सलीम और में गुड़िया से अपना लंड बारी बारी से चूसने लगे थे और गुड़िया उस समय अपनी पूरी मस्ती, जोश में थी और वो ज़ोर ज़ोर से अपनी कमर को भी हिला रही थी और कहती जा रही थी हाँ और ज़ोर से चोदो मुझे आह्ह्ह्ह आज तुम सब मिलकर मेरी चूत गांड सबको फाड़ दो आह्ह्ह्ह माँ में मर गई ऊफ्फ्फ्फ़हह। अब आशु गुड़िया का दूध पी रहा था और अपनी कमर को भी हिला रहा था। फिर करीब आधे घंटे तक लगातार चुदाई करने के बाद गुड़िया करीब चार बार झड़ चुकी थी, लेकिन हम चारों के लंड तब भी एकदम खड़े के खड़े थे। हम चारों गुड़िया के सामने आकर खड़े हो गये और में गुड़िया से बोला कि वो अपने मुहं से हम सभी के लंड को चूसे और हमारी संतुष्टि करवाये और हमारा वीर्य वो खुद पी जाए।
दोस्तों अब गुड़िया बारी बारी हम सभी के लंड को चूसने लगी और वो साथ साथ अपने हाथ से हमारे लंड की मुठ भी मारने लगी थी। उसके ऐसा करने के करीब 15 मिनट के बाद हम चारों दोस्त एक साथ झड़ गये हमने अपना वीर्य गुड़िया के मुहं और उसकी गर्दन, बूब्स पर गिरा दिया और अब गुड़िया हमारे वीर्य को अपने पूरे बदन पर लगाने लगी। उसके बाद हमने करीब तीन बार गुड़िया को और चोदा उसकी ताबड़तोड़ चुदाई करने के बाद हम सभी पास की एक झील पर नहाने चले गये हमने पानी में भी चुदाई के मज़े लिए और उसके बाद हम लोग वापस हमारे घर के लिए निकल पड़े, गाड़ी में भी उसने मेरा लंड अपने मुहं में ले लिया करीब 15 मिनट चूसने के बाद मैंने उसको कहा कि में अब झड़ने वाला हूँ वो बोली कि में आपका रस पीना चाहती हूँ। तो मैंने कहा कि हाँ यह ले और फिर मैंने अपना सारा वीर्य उसके मुहं में डाल दिया और उसने भी एक भी बूँद खराब नहीं जाने दिया। वो मेरा पूरा वीर्य गटक गई। दोस्तों कुछ देर बाद उसने मेरे दोस्तों का भी लंड चूसा उनका वीर्य पी लिया।
दोस्तों यह थी मेरी चुदक्कड़, रंडी बहन जिसको लंड लेने का शुरू से ही बहुत शौक है और उसकी जबरदस्त चुदाई मेरे दोस्तों के साथ, जिसका उसने बहुत मज़ा लिया और उस चुदाई से उसको उस दिन पूरी तरह से संतुष्टि मिल चुकी थी। वो बहुत खुश थी, वैसे खुश तो में भी बहुत था और मेरे साथ साथ मेरे दोस्त भी जिनको मेरी बहन को चोदने का इतना अच्छा मौका मिला ।।
धन्यवाद