नमस्कार दोस्तों, आप सभी का कहानी की इस दुनिया मे बहुत-बहुत स्वागत है। आज मैं आपको अपनी एक सेक्स स्टोरी सुनाने वाले हूँ जिसे सुनकर आपको यकीनन मजा आ जायेगा और आप सभी का लंड फर्राटे मारने लग जायेगा।
शुरू करने से पहले मैं आप सभी को अपने बारे में थोड़ा परिचित कर देता हूँ। मेरा नाम आर्यन है ओर मैं शिवपुरी का रहने वाला हूँ। मैं बहुत ही ज्यादा कामुक लड़का हूँ और क्या बताउं जब भी मैं किसी लड़की को देख लेता हूँ तो मेरा नाडा ढीला हो जाता है। मेरी उम्र अभी 24 साल लेकिन मेने आज तक किसी भी लड़की की चुत को नही चोदा है और यही वजह है कि मैं किसी लड़की की चुत को चौदने का बहुत ही ज्यादा चुदासा हूँ। मेरी जिंदगी मैं एक दिन ऐसा आया जब मेरी किस्मत पूरी तरह से चमक उठी थी और आख़िरकार, मुझे एक लड़की को चोदने का मौका मिल ही गया था। तो बात आज से करीब 2 साल पहले की है जब एक बड़ी कालोनी में मेरे पापा ने एक घर लिया था। हमारा घर काफी बड़ा था, इसलिए हमने घर के कुछ कमरों को किराए पर देने के बारे में भी विचार किया था। लेकिन मेने सोच लिया था कि मैं घर किराए पर सिर्फ जवान और खूबसूरत लड़कियों को ही दूँगा।
घर लेने के कुछ महीनों बाद ही हमारे घर के सामने एक हॉस्पिटल खुल गया था। उस हॉस्पिटल में कुछ लड़कियाँ नर्स बनने की ट्रेनिंग लेने आती थी। वहां की सभी लड़कियों एक से बढ़ कर एक माल लगती थी। मेरे घर के ठीक नीचे ही मेने अपनी एक स्टेशनरी शॉप डाल रखी थी। मैं जब भी हॉस्पिटल में ट्रेनिंग करने आयी लड़कियों को देखता था, तो मेरा लन्ड ही खड़ा हो जाया करता था। कुछ दिनों तक ऐसे ही देखते रहने के बाद मेरी नजर एक लड़की पर पड़ी और जैसे ही मेने उस लड़की को देखा मेरे तो होश ही उड़ गए थे। हॉस्पिटल में ट्रेनिंग करने आई वह लड़की किसी अप्सरा की तरह नजर आती थी। उस लड़की की गांड विदेशी लड़कियों की तरह पतली थी, लेकिन एक दम भरी हुई लगती थी। उसके बूब्स क्या मक्खन की तरह नजर आते थे। उसे देख कर तो ऐसा लगता था जैसे एक बार वो मुझे मिल जाये तो मैं उसे दिन भर चोदता ही रहूं। उस लड़की का शरीर एक दम नर्म ओर मुलायम था। उस लड़की को देखने भर से ही मेरा लण्ड खड़ा हो जाया करता था। अब मैं किसी भी कीमत पर उस लड़की को एक बार चोदना चाहता था।
अब मैं हमेशा उस लड़की के ही सपने देखने लगे गया था। उस लड़की को याद कर के मुठ मारना तो मेरे लिए एक आम बात हो गयी थी। मुठ मारने के कारण मेरा लण्ड भी लाल हो गया था। अब मैं हमेशा उस लड़की के नाम की मुट्ठी मार कर तो रह ही नही सकता था, इसलिए कुछ दिन तक तो मैं ऐसे ही उस लड़की से दोस्त बनाने के बहाने खोजता रहा और फिर एक दिन तो मेरे साथ चमत्कार ही हो गया था। मैं अपनी स्टेशनरी की शॉप पर बैठा हुआ था, तभी वह लड़की हॉस्पिटल से बाहर आयी ओर मुझे देखते ही मेरे पास आने लगी। मैं थोड़ा घबरा गया था, क्योंकि मुझे लग रहा था कि शायद वह लड़की समझ गयी थी कि मैं दिन भर उसे ही देखता रहता हूँ। वह लड़की जैसे ही मेरे पास आई उसने मुझसे पैन मांग लिया। अब जाकर मेरी सांस में सांस आयी थी, क्योंकि वह लड़की मेरे पास पैन खरीदने आयी थी। मेने पहली बार उस लड़की को इतने करीब से देखा था। नज़दीक से तो वह लड़की और भी ज्यादा माल लगती थी। उसके बूब्स काफी बड़े थे। मेरी नजर तो जैसे उसके बूब्स पर ठहर सी गयी थी और इस दौरान मेरी पेंट में एक लम्बा चौड़ा तम्बू भी तन गया था।
मेने ऐसे ही मौके पर चौका लगाते हुए उस लड़की से थोड़ी बहुत बातें करना शुरू कर दी थी। अब वह हमेशा मेरी ही शॉप से समान लेने आया करती थी। एक दिन वह लड़की मेरी शॉप पर फिर से आई ओर उसने ऐसे ही बातों ही बातों में मुझे बताया कि वह नर्स की जॉब के लिए हॉस्पिटल में आई हुई है लेकिन उसका घर यहां से बहुत दूर है जिस वजह से उसे यहां पर काम करने में बहुत ज्यादा दिक्कत होती है। यह सुनकर तो मेरा दिल ही खुश हो गया था। मेने सोचा कि क्यूं ना इस मौके पर चौका लगा दिया जाए। पहले तो मैने उस लड़की से उसका नाम पूछा ओर उसने मुझे अपना नाम दीपिका बताया था। मेने उस लड़की से कहा “दीपिका अगर तुम चाहो तो तुम मेरे यहाँ किराए पर रह सकती हो, हमें कोई भी आपत्ति नही है और हमारे रूम का किराया बाकी लोगों से कम है।” बस इतना सुनकर दीपिका काफी ज्यादा खुश हो गयी थी। अब दीपिका हमारे ही घर के एक रूम में रहा करती थी। कुछ ही दिनों में दीपिका की मेरी मम्मी ओर फैमिली से भी अच्छी खासी बातचीत हो गयी थी। अब मैं भी दीपिका से खुल कर बातचीत कर लिया करता था क्योंकि अब वह मुझे एक अच्छा लड़का समझती थी।
एक दिन ऐसे ही जब दीपिका ओर मैं एक दूसरे से बातचीत कर रहे थे, तभी मेने दीपिका से पूछा कि तुम्हारा कोई भी बॉयफ्रैंड है। मेरी बातों को सुनकर वह थोड़ा सा शर्मा गयी थी, लेकिन उसने मुझे बताया कि उसका अभी तक कोई भी ब्वॉयफ़्रेंड नही रहा है। धीरे-धीरे दिन बीतते चले गए और दीपिका ओर मैं एक दूसरे से बहुत ज्यादा बातचीत करने लग गए थे। मेरी ही तरह दीपिका ने भी आज तक शायद किसी लड़के के साथ सेक्स नही किया था और शायद इसलिए हम दोनों के बीच काफी नज़दीकियां बढ़ती जा रही थी। धीरे-धीरे हम दोनों एक दूसरे के साथ सेक्स वीडियो चैट भी करने लग गए थे। एक दिन हम सोने से पहले ही जब एक दूसरे के साथ वीडियो कॉलिंग कर रहे थे, तो मैने दीपिका से कहा कि” दीपिका मुझे तुम बहुत ही हॉट लगती हो और ना जाने क्यूं तुम्हें देखते ही मेरा लन्ड खड़ा हो जाता है। तुम खुद ही मेरे पेंट में बने इस तम्बू को देख सकती हो”।
“हां तुम्हारा तम्बू बहुत तना हुआ है। तुम्हारे लंड को देख कर मुझे ऐसा लग रहा है कि यह बहुत लंबा है।” – दीपिका ने जवाब देते हुए कहा
“मुझे तुम्हारे बूब्स भी काफी लाजवाब लगते है। मेरा मन तो ऐसा करता है कि तुम्हारे बूब्स को हमेशा के लिए चूसता ही रहूं। अच्छा जान अब लगे हाथ यह भी बता दो कि तुमने कौन से रंग की ब्रा ओर पेंटी पहन रखी है। – मैन ऐसे ही शरारत भरी आवाज़ में कहा
मेने काले रंग की ब्रा ओर गुलाबी रंग की पेंटी पहन रखी है। क्या तुम मेरी ब्रा ओर पेंटी के दर्शन करना चाहते हो? – दीपिका ने मुस्कुराते हुए कहा
हां बेबी जरूर मुझे तुम्हारी ब्रा ओर पेंटी देखना है। – मेने जवाब देते हुए कहा
हम दोनों वीडियो कॉलिंग पर एक दूसरे से बातें कर रहे थे। तभी दीपिका ने धीरे-धीरे मुझे तड़पाते हुए अपनी टी-शर्ट और जीन्स को उतार दिया था। ब्रा में दीपिका के बूब्स ओर भी लाजवाब दिख रहे थे और दीपिका की गुलाबी पेंटी के अंदर मैं उसकी चुत के उभार को आसानी से महसूस कर सकता था। उसे इस तरह से देखने से मेरा लंड ओर भी ज्यादा कड़क हो गया था। मेरे शरीर मैं एक तरह की बिजली सी ही दौड़ गयी थी। अब मैं दीपिका को चोदे बिना रह ही नही सकता था। मुझसे ओर ज्यादा देखा नही जा रहा था, इसलिए मैंने तुरंत ही वीडियो कॉल को बंद कर दिया और 2 बार मुठ मारने के बाद जैसे-तैसे अपने लन्ड को शांत किया था। उस दिन मेरे दिमाग में ज्यादा ख्याल ना आये इसलिये मैं पहली ही फुर्सत में जल्दी से सो गया था।
अगले दिन भी यही हुआ मेरे दिमाग में फिर से दीपिका को चोदने कर ख्याल आ रहे थे। मैं अपनी स्टेशनरी की शॉप पर बैठा हुआ बस दीपिका कर बारे में ही सोच रहा था कि अचानक से मेरी माँ मेरे पास आयी और मुझसे कहने लगी कि “बेटा हमें शादी में जाने का बुलावा आया है और मैं कल 2 दिन बाद शादी के लिये निकल रही हूं ओर मेरे बाद तुम्हें ही अब इस घर का ध्यान रखना है”। बस इतना सुनकर तो मेरी खुशी का कोई ठिकाना ही नही रह गया था। अब तक मुझे अपने सभी रास्ते खुलते हुए दिखाई दे रहे थे, बस मुझे अब कैसे भी कर के दीपिका को सेक्स के लिये मनाना था। कुछ दिन इंतजार करने के बाद आखिरकार वह समय आ ही गया था, जिसका मैं इतनी बेसब्री के साथ इंतजार कर रहा था। मेरी माँ 2 दिनों के लिये शादी में निकल चुकी थी। अब बस घर पर में ही था और मेरे घर के ऊपर वाले फ्लोर पर दीपिका थी। उसी दिन, रात के समय की बात है जब दीपिका ओर मैं वीडियो कॉलिंग कर के एक-दूसरे से सेक्सी बातें कर रहे थे। दीपिका नाइट ड्रेस पहने हुई थी और उसके शरीर से चिपकी हुई नाइट ड्रेस में उसके उभरते हुए बूब्स को मैं साफ साफ देख सकता था।
हम-दोनों के बीच उस दिन बहुत हो सेक्सी बातें हो रही थी, इसलिए मौके पर चौका लगाते हुए आखिरकार, मेने दीपिका से पूछ ही लिया कि “दीपिका क्या तुम मेरे साथ सेक्स करना चाहोगी?”
मैं इस बात की काफी अच्छे से जानता था कि दीपिका भी बिल्कुल मेरी ही तरह चुदासी है लेकिन उसने फिर भी झूठ-मुठ का गुस्सा दिखाते हुए कहा कि “आपकी हिम्मत कैसे हुई मुझसे इस तरह से पूछने की, क्या मैं आपको ऐसी-वैसी लड़की दिखाई देती हूं।”
“ नही ऐसी कोई बात नही है दीपिका, मैं तो बस ऐसे ही मज़ाक मैं पूछ रहा था। – मेने दीपिका को शांत करते हुए कहा
मेरे बस इतना कहते ही दीपिका ने खटाक से अपनी कॉल को काट कर दिया था। मुझे तो एकदम से झटका ही लग गया था। ऐसा लग रहा था को मैं अब कुडासा ही मर जाऊँगा।
रात की 12 बज गए थी, लेकिन दीपिका का फिर से कोई भी फ़ोन नही आया और फिर मैं सबकुछ भूलकर सोने के लिए चल गया था। मेरी नींद बस लगने ही वाली थी कि दीपिका का मुझे अचानक से फ़ोन आता है और वह मुझसे फ़ोन पर कहती है कि “हेल्लो आर्यन जितना जल्दी हो सके उपर मेरे रूम में आओ मुझे तुम्हारी बहुत ज्यादा जरूरत है”।
मुझे समझ ही नही आ रहा था कि अचानक से क्या हुआ। मुझे बस ऐसा लग रहा था कि शायद दीपिका किसी परेशानी में है और इसलिए में चुपचाप सीधा दौड़ कर दीपिका के घर चला गया था। मैं जल्दी से दौड़ता हुआ दीपिका के रूम की तरफ बढ़ता हूँ और उसका दरवाज़ा खटखटाने लगता हूँ। दीपिका जैसे ही दरवाज़ा खोलती है, मैं उसे एक ब्लैक कलर की एक हॉट नाइट ड्रेस में अपने सामने पाता हूँ। दीपिका अपने मुंह मे उंगली चबाते हुए मुझे देख मुस्कुरा रही थी। दीपिका को देख कर ऐसा तो बिल्कुल भी नही लग रहा था कि वह किसी तरह की परेशानी में है, लेकिन मेने फिर भी अपना फर्ज निभाते हुए दीपिका से पूछा कि “क्या हुआ दीपिका तुमने मुझे अचानक से क्यों बुलाया क्या तुम किसी तरह की परेशानी में हो?
मेरे बस इतना कहने पर ही दीपिका ने मुझे जल्दी से अंदर बुलाकर अपना दरवाज़ा बंद कर दिया और मुझे कस कर पकड़ मुझे अचानक से चूमना शुरू कर दिया था। पहले तो मुसे समझ ही नही आया कि आखिर दीपिका यह कर क्या रही है लेकिन मैं यह समझ चुका था कि दीपिका भी खुद को ज्यादा समय तक रोक नही पा रही थी और मुझसे चुदना चाहती थी। मौके का फायदा उठाते हुए मेने भी दीपिका की पतली कमर पर हाथ रखते हुए उसे चूमना शुरू कर दिया था। कुछ 10 मिनट तक तो हम दोनों ऐसे ही एक दूसरे के होंठ ओर शरीर पर चूमते रहे और फिर ऐसे ही चूमते हुए पता ही नही चला कि हम दोनों कब आकर पलंग पर गिर चुके थे। दीपिका की इतनी तेजी से हो रही कार्रवाई को देख कर मैं समझ गया था कि वह चुदने की बहुत ही ज्यादा चुदासी थी। अब तक मेरा भी इंतज़ार पूरी तरह से कम हो चुका था। मेने कुछ ही देर में एक के बाद एक कर के दीपिका की नाइट ड्रेस को उतार कर नीचे फेंक दिया था। अब वह मेरे सामने केवल अपनी ब्रा ओर पेंटी में थी। दीपिका को चौदने के ख्याल से ही मेरी पेंट में एक लम्बा तम्बू तन चुका था। दीपिका मेरे तने हुए लंड को आसानी से देख सकती थी। वह मुझे उत्तेजित करने के लिए मेरे कड़क लन्ड पर पेंट के ऊपर से ही हाथ फेरे जा रही थी।
अब तक मैं काफी ज्यादा उत्तेजित हो चुका था। मेने एक के बाद एक कर के दीपिका की ब्रा को भी उतार कर नीचे फेंक दिया था। अब मैं दीपिका के ऊपर चढ़कर उसके बूब्स को दबाते हुए उसे चूसते ही जा रहा था। दीपिका लगातार लम्बी सिसकारियां लेते हुए “आह आह ओह आर्यन की आवाजें निकाले जा रही थी। ऐसा कर के वह मुझे ओर भी ज्यादा उत्तेजित किये जा रही थी। इस दौरान मैं देख रहा था कि दीपिका भी बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गयी थी। वह अपना हाथ अपनी पेंटी के ऊपर रख कर अपनी योनि को हाथों से रगड़े ही जा रही थी। पहले तो मैं ऐसे ही दीपिका के बूब्स को रगड़ते हुए उसे मक्खन की तरह चूसता रहा और फिर धीरे से मैने दीपिका की पेंटी को भी उतार कर नीचे फेंक दिया था। उसकी पैंटी को उतारने के बाद मेने उसकी योनि के बीज को चाटना शुरू कर दिया था। अब तक दीपिका बहुत ही ज्यादा गर्म हो चुकी थी, उसे ओर भी ज्यादा उत्तेजित करने के लिए मेने उसकी योनि में उंगली डालकर उसे चौदना शुरू कर दिया था।
दीपिका इतना ज्यादा उत्तेजित हो चुकी थी कि अब वह बिल्कुल भी इंतज़ार नही कर सकती थी। इस दौरान दीपिका ने तुरंत ही मुझे नीचे की तरफ धकेल दिया और खुद मेरे ऊपर चढ़कर मेरी शर्ट को उतारने लगी थी। दीपिका ने कुछ ही देर में मेरी शर्ट को निकाल कर ज़मीन पर फेंक दिया था। अब दीपिका मेरी छाती को एक के बाद एक कर के चूमते ही जा रही थी। दीपिका की इस तरह की कार्रवाई से मेरी लन्ड बहुत ही ज्यादा तन चुका था। मेरे साथ दीपिका भी अब इसे जल्दी से खत्म कर देना चाहती थी, इसलिए दीपिका ने तुरंत ही मेरी पेंट को भी उतार कर ज़मीन पर फेंक दिया था। अब जाकर दीपिका ने मेरे लन्ड को चूसना शुरू कर दिया था। वह पूरे गले तक मेरे लन्ड को चूसकर मुझे आंनद दे रही थी। अब तक मेरा सब्र पूरी तरह से खत्म हो चुका था। मेने तुरंत ही दीपिका को नीचे की तरफ सुला दिया और खुद उसके ऊपर चढ़कर उसे कहने लगा कि “रुक दीपिका आज मैं तेरी प्यास को पूरी तरह से बुझा देता हूँ।
पहले तो मैने अपने लन्ड को अपने को अपने हाथ मे लिया और फिर उसे हिलाता हुआ उसे बिल्कुल कड़क कर लिया था। अब मैं दीपिका की कोमल सी गुलाबी चुत को लाल करने के लिए पूरी तरह से तैयार था। मेने पहले तो अपने लंड को दीपिका की योनि की दीवार पर रखा और जैसे ही अपने लन्ड को सिर्फ टोपे तक दीपिका की चुत के अंदर डाला उसकी दर्द से चीख ही निकल गयी थी। इस दौरान मेने दीपिका के मुंह को अपने हाथों से बंद किया और एक ही झटके में अपने पूरे लन्ड को दीपिका की चुत के अंदर उतार दिया था। भले ही मेने दीपिका के मुंह को बंद कर दिया था लेकिन उसकी आँखों के आंसू को देख कर में समझ सकता था कि उसे कितना ज्यादा दर्द हो रहा था। मेने जैसे ही दीपिका के मुंह से हाथ हटाया तो वह दर्द से चिल्लाने लगी कि “हाय मुझे मार डाला मेरी चुत ही फट गई”। कुछ देर तक तो मैं दीपिका को ऐसे ही धीरे-धीरे से चौदने लगा और वो भी दर्द के साथ चुदती ही जा रही थी। फिर कुछ देर बाद दीपिका का सब्र खत्म हो गया था और उसे भी चुदने में मजा आने लग गया था। दीपिका मुझे उत्साहित करने के लिए मुझे कहने लगी कि “आर्यन मुझे जोर से चोदो, आज मेरी प्यास को भुजा दो”। बस इतना सुनकर तो मेरे अंदर का शेर फिर से जाग गया था। मेने अपनी पूरी रफ्तार के साथ अब दीपिका को चोदना शुरू कर दिया था। वो “आह आह ओह्ह हाय दय्या” कहते हुए मजे से चुदते ही जा रही थी।
मुझे दीपिका को चौदने में काफी मजा आ रहा था। कुछ देर मैं ऐसे ही दीपिका चोदता रहा और फिर उसके बाद मेने दीपिका को 69 पोजिशन में चोदना जारी रखा। दीपिका अब तक एक बार अपना पानी छोड़ चुकी थी। दीपिका की चुत बहुत ही टाइड थी, इसलिए मुझे ऐसा महसूस हो रहा था, जैसे कि गर्म भट्टी ने मेरे लन्ड को पूरी तरह से जकड़ ही लिया हो। दीपिका एक दम मस्त माल थी, मेरा मन कर रहा था कि दीपिका को मैं बस ऐसे ही चोदता ही रहूं। मेरा लन्ड अभी भी काफी कड़क था। कुछ देर बाद हम दोनों नहाने के के लिए बाथरूम में चले गए थे। मेने पहले तो शावर के नीचे दीपिका को होंठो पर चूमना शुरू किया और फिर उसे के दीवार के सहारे मेने उल्टा खड़ा कर दिया था। अब मेने अपने कड़क लन्ड को पीछे से दीपिका की चुत में एक ही झटके में उतार दिया था। मैं दीपिका की कमर को को पकड़ते हुए डॉगी स्टाइल में उसे चोदता ही जा रहा था। दीपिका भी अपनी कमर को हिलाते हुए मुझे ओर भी ज्यादा उत्तेजित किये जा रही थी। बाथरूम में ऐसा लग रहा था कि मानों हॉलीवुड मूवी का सीन चल रहा हो। मैं करीब 10 मिनट तक दीपिका को ऐसे ही चोदता रहा और फिर कुछ देर बाद मैं झड़ गया ओर मेने अपना माल दीपिका के ऊपर ही ढोल दिया था।
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