मारवाड़ी भाभी को चोदा

मुंबई की एक चाल के सामने बनवारी का ये किराना स्टोर कुछ 12 साल से है.
और उसने चाल के अन्दर ही कितनी भाभियों और आंटी के साथ सुहागरात मनाई है.

वैसे ऑफिशियल जन गणना यदि डीएनए सत्यापन से होती तो शायद बनवारी के
बच्चे 2 नहीं बलके 22 लिखे जाते. जी हां सही पकडे है आप! चाल में कितनो को
गर्भवती कर के छोड़ा था इस हरामी बनिए ने. और अब उसकी निगाहें लाजो के ऊपर
थी.

लाजो का यौवन था ही ऐसा की कोई भी उसे देख के आँखे सेक ले और लंड को गरम
कर ले अपने. 30 की काठी और 36 की छाती. और गांड तो जैसे की दो छोटे मटके
पीछे किसी ने बाँध दिए हो. ये मारवाड़ी भाभी ने सच में चाल में तूफ़ान सा मचा
के रखा हुआ था.

बनवारी को पता था की लाजो का पति अभी धंधे के लिए नया आया है. और उसने
अपना सब से बड़ा हथियार उधारी छोड़ दिया था लाजो के उपर. अक्सर उसे साबुन
डिटर्जेंट तो वो मुफ्त ही दे देता था. क्यूंकि वो जानता था की एकाद दिन जब
भाभी की चूत मिलेगी तो सब पैसे वसूल हो जायेंगे.

और बनवारी लाजो को फुल लाइन देने लगा था. भाभी भी अपने लटके झटके दिखा
देती थी. कभी जानबूझ के निचे जरा एक्स्ट्रा झुकने से उसके चुंचे दिख जाते
थे.बनवारी बुरचोद सौखीन है वो उसे चाल की दूसरी लेडिज से पता चला था. और ये
बात फैलाने वाली ज्यादातर लेडिज वही थी जिन्हें बनवारी चोद चूका था और अब
उधारी नहीं देता था.

लाजो भी कम रंडी नहीं थी. वो जानती थी की अभी पति जूझ रहा हैं नए बिजनेश
को जमाने में और वो जितना बचा लेगी उतना सही हे. आखिर वो भी थी तो एक
मारवाड़ी ही.

ऐसे ही कुछ दिन और चला.बनवारी खुल के हंसी मजाक कर लेता था डबल मिनीग
डायलोग के साथ. एक दिन उसने लाजो से कहा, क्या बात हैं आज तो चाल टेढ़ी हैं,
भैया रात को कुछ खा पी लिए थे क्या?

लाजो हंस पड़ी और उसने बनवारी की तरफ देखा. बनिए ने अपने लंड को खुजाना चालू कर दिया. लाजो ने वही आँखे जमा रखी और बोली, भैया को काम जमाने से फुर्सत कहा हैं अभी?

बनवारी ने कहा, वो तो हैं जी.

उसका लंड खुजाना चालू ही था.

फिर उसने कहा, भैया बीजी रहते हैं तो आप किसी भी काम के लिए हमें कह सकती है भाभी जी.

बनवारी के चहरे पर हवस साफ़ दिक्ख रही थी उस वक्त.

लाजो ने अपनी थैली को रखा और वो छाती थोडा फुला के बोली, सक्कर चाहिए थी?

कितनी?

जी, तिन किलो?

अरे सक्कर कम हैं, गोडाउन से लानी पड़ेगी?

अच्छा मैं फिर आऊं क्या?

नहीं साथ में ही चलो गोडाउन पर निकाल देता हूँ.

ठीक है.

बनवारी का गोडाउन बहुत बड़ा नहीं था. दरअसल चाल के सामने ही एक बंद पड़े
हुए मकान में उसने गोडाउन किया हुआ था. और यही वो जगह थी जहाँ उसके लंड के
बिज ने दसों चुतो को सींचा था. आज लाजो को चोदने का फुल इरादा था बनवारी
का.

सक्कर की बोरी सामने ही थी लेकिन वो उसे खोजता रहा. बनवारी ने लाजो भाभी से कहा, आप भी देखो सक्कर की बोरी दिख रही है क्या?

लाजो आगे हुई तो बनवारी ने कमाड को हलके से लात मार दी. फिर वो अपने लंड
को हिला के एकदम टाईट कर के लाजो के पीछे आ गया. लाजो बोरी पर झुकी हुई
थी. जैसे ही वो ऊपर हुई उसकी गांड को बनवारी का लंड टच कर दिया. लाजो के
बदन में भी एक शीत लहर सी दौड़ गई उस गरम गरम लंड के स्पर्श से.

और बनवारी ने अपने हाथ को उसके कमर के वो हिस्से पर रख दिया जहाँ पर कोई
कपडा नहीं था. और उसने उसे हलके से दबा दिया. लाजो भाभी की सांस अटक ही गई
थी. उसने कहा, क्या कर रहे हो आप?

बनवारी ने कहा वही जो भैया नहीं कर पा रहे है काम की वजह से.

और फिर लाजो भाभी के शोल्डर के ऊपर इस बनिए ने हलके से ऐसा चुम्मा दिया
की भाभी की चूत पानी पानी हो गई. भाभी आगे गिर ही जाती यदि उसने बोरी के
ऊपर अपने दोनों हाथ ना रख दिए होते. उसकी गांड पीछे और भी धंस सी गई बनवारी
के लंड पर. और बनवारी ने भी देखा की जरा भी विरोध का सुर नहीं उठ रहा हैं
तो उसने भी अपने कामकाज को तेज कर दिया. उसने भाभी की गांड के ऊपर हाथ फेरा
और फिर आगे हाथ ले जा के सीधे ही पेटीकोट के नाड़े को ढीला कर दिया. और ऊपर
से उसने अपने हाथ को अन्दर घुसा दिया.

लाजो ने कोई पेंटी नहीं पहनी थी. और बनवारी का हाथ उसकी झांट पर से होते
हुए उसकी चूत के होल पर जा पहुंचा. होल गिला था और बनवारी ने धीरे से होल
को हिलाया और चूत के दाने को दो ऊँगली में भर लिया.

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लाजो भाभी ने बोरी को मुठ्ठियों में जकड़ ली और उसकी सांस गहरी हो गई.
बनवारी ने भाभी की चूत को और तेज तेज हिलाया जिस से पानी की धार सी ही निकल
गई. ये सेक्सी मारवाडी भाभी को भी बड़ा मज़ा आ आ गया.

अब बनवारी ने अपने एक हाथ से लाजो के कडक चुन्चो को पकड़ा और वो उन्हें
दबाने लगा. भाभी की सांस फूली हुई थी. उसने कहा, जल्दी करो कोई आया जाएगा.

बनवारी बोला, आज तो बहुत दिनों के बाद आई हो हाथ में अब जल्दी कैसे कर लूँ! थोडा रोमांस का मजा भी ले लेने दो मुझे.

कोई आ गया तो रोमांस अधुरा रह जाएगा जी.

यहाँ कोई नहीं आता हैं, ये बनवारी का गोडाउन है यहाँ चूत देने वाली और सामान लेने वाली ही आती हैं.

और फिर ब्लाउज के बटन को खोल के बनवारी ने भाभी को अपनी तरफ घुमाया.
लाजो के दूध फुले हुए से थे. और बनवारी ने अपने मुह को वहां पर लगा के
निपल्स को चुसना चालू कर दिया. वो जैसे भाभी के दूध को पी लेना चाहता था.
लेकिन भाभी को अभी बच्चा नहीं था इसलिए दूध कहा से आता.

बनवारी के लौड़े को भाभी ने अपने हाथ में पकड़ा और उसे स्ट्रोक करने लगी पेंट के ऊपर से ही. और बोली, बड़ा हथियार हैं आप का तो.

बनवारी ने कहा, चला भी बहुत है ये हथियार.

हां वो तो सुधा मौसी कहती है की आप अच्छे नेचर के नहीं हो, उधारी दे के चोदते हो सब को.

उसने ये नहीं कहा की वो कितनी बाद अपनी मरवा चुकी हैं उधारी के चक्कर
में. अब मैं नहीं चोदता इसलिए मैं बुरा हो गया. मैं तो समाज सेवा करता हूँ,
दुखियारी औरतो को उधार और फ्री में किराना देता हूँ. और बदले में वो मुझे
चोदने देती है.

और ऐसे कहते हुए बनवारी ने लाजो भाभी को घुटनों पर बिठा के अपना लंड
उसके मुहं में दे दिया. लाजो ने भी बड़े ही सटीक ढंग से लंड को मुहं में ले
लिया और वो उसे चूसने लगी. लाजो का मुहं पूरा फुल गया था ये बड़ा लंड उसके
अन्दर जाने से.

और वो मुहं में घुसे हुए ब्लेक लंड को अपनी जबान से चाट के बनवारी को
सुख दे रही थी. बनवारी ने हाथ को उसके बूब्स पर रखा और उन्हें दबाते हुए वो
जोर जोर से हिलाने लगा बूब्स को. बनवारी खुद बोरी के ऊपर बैठा हुआ था
इसलिए उसके हाथ बूब्स तक आसानी से पहुँच रहे थे.

दो मिनट तक लंड चुसाने के बाद अब बनवारी ने लाजो भाभी को बोरी के ऊपर ही
ओंधा सा कर दिया और पीछे से उसकी चूत के होल वही पड़े हुए कनस्टर से थोडा
तेल निकाल के लगा दिया. फिर अपने लंड पर भी उसने तेल लगाया.

लाजो ने दोनों हाथ से अपने चूतड़ खोले और बनवारी ने पच की आवाज से पूरा
लंड एक में ही अन्दर कर दिया. लाजो के ऊपर व लेट सा गया और उसका लंड मजे से
लाजो की चूत में घुस गया था.

लाजो ने पहली बार तेल वाली चूत में लंड लिया था इसलिए आज उसके लिए सब से
इजी पेनेट्रेशन हुआ था. बनवारी का गरम गरम लंड उसकी नली में था और वो खुद
चूतड़ पकड के लेटी हुई थी. बनवारी ने कंधे के ऊपर चुम्मा दिया और फिर कमर को
अपने दोनों हाथ से पकड लिया. और फिर उसका लंड पचक पचक के साउंड के साथ
लाजो भाभी की चूत में अन्दर बहार होने लगा था.

लाजो भाभी के मुहं से ह्ह्ह्ह अह्ह्ह ओह ह्हह्ह्ह अह्ह्ह्ह निकल रहा था.
और बनवारी ने थोडा ऊपर उठ के लंड का पेंच पूरा फसाया हुआ था बुर के अन्दर.
और वो जोर जोर से धक्के मार के चोदता ही रहा कुछ देर.

अब बनवारी ने कहा, पीछे लिया है कभी?

हां लिया हैं

मेरा ले लो गी?

आज नहीं फिर कभी, अभी मुझे जल्दी घर जाना हैं सक्कर ले के.

बनवारी ने कहा, फिर मुझे चुम्बन दो ताकि मेरा पानी जल्दी से छूटे.

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अब बनवारी ने लाजो को सीधे कर दिया और मिशनरी पोज में चोदने लगा. साथ
में दोनों एक दुसरे को कस के चुम्बन कर रहे थे और लाजो भाभी की चूचियां
बनवारी की छाती से दबी हुई थी.

एक मिनिट तक बनवारी और जोर जोर से लंड को चूत में घोंपता रहा. और तब भाभी अह्ह्ह अह्ह्ह अह्ह्ह्ह मार डाला मुझे अह्ह्ह अह्ह्!

फिर अगले ही पल बनवारी के लंड ने लावा उगल दिया. लाजो की चूत में इतना
पानी निकला की बहुत सब बुँदे ओवर फ्लो हो के बहार भी आ गई. बनवारी ने खड़े
हो के लंड को साफ़ किया पुराने पेपर की रद्दी से. और उसने एक पेपर लाजो को
भी दे दिया चूत साफ़ करने के लिए.

वो चूत साफ़ कर रही थी तब उसकी थैली में बनवारी ने करीब पांच किलो जितनी
सक्कर ऐसे ही बिना तौले हुए भर दी! चुदवा के और सक्कर ले के ये मारवाड़ी
भाभी अपने घर की तरफ चल पड़ी.

गोडाउन का दरवाजा खोला तो देखा सामने सुधा मौसी बरामदे में थी और वो लाजो को देख रही थी.

लाजो ने कहा, सक्कर लेने आई थी.

सुधा मौसी ने हंस के बात का अभिवादन तो किया लेकिन वो अन्दर से जानती थी की बनवारी ने सक्कर की जगह लंड भी दे ही दिया होगा अपना!

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