हेल्लो दोस्तों, मेरा नाम आशीष है और मैं मंदसौर
का रहने वाला हूँ। अभी में पढ़ाई के साथ ही अपनी जॉब भी कर रहा हूँ। मैं आसानी से किसी
भी लडक़ी से दोस्ती कर लेता हूँ लेकिन अभी तक मेने किसी के साथ चुदाई नही की है। मेरी
अभी तक चुदाई ना करने की वजह यही है कि मैं जब तक अपना करियर नही बना लेता हूँ, मैं
किसी के साथ तब तक चुदाई नही करने वाला हूँ। अभी मेरी उम्र केवल 20 साल है। मैं चुदाई
से भले ही दूर रहता हूँ लेकिन मेरा लन्ड इतना बड़ा है कि किसी भी लड़की की चुद को फाड़कर
गुफा बना दे।
चुदाई से दूरी बनाए रखने के बाद भी मेने दो
लड़कियों से सेक्स के सम्बंध बनाये ओर उन्हें बहुत चोदा था। आज मै आपको उन दो लड़कियों
के बारे में बताने वाला हूँ जिनकी मेने लप्पके चुदाई की थी। उन दो लड़कियों में से एक
का नाम रश्मि था और दूसरी लड़की का नाम शालिनी था। सबसे पहले मैं बात करना चाहूंगा रश्मि
के बारे में, तो चलिए शुरू करते है।
रश्मि 19 साल की एक बेहद ही कामुक लड़की थी।
रश्मि से मुलाकात मेरी कोचिंग में हुई थी। मेरा शरीर काफी लंबा, खूबसूरत और आकर्षक
था ओर मेने अपनी पर्सनालिटी को भी काफी गजब बना कर रखा था। रश्मि दिन भर कोचिंग में
मुझे ही देखा करती थी। रश्मि का गोरा बदन, मासूम से चेहरे को देखकर मुझे तो उससे प्यार
ही जाता, लेकिन मेने बहुत कंट्रोल कर के रखा हुआ था। कोचिंग में लड़कियों द्वारा फैलाई
हुई अफवाह से मुझे यह पता चला था कि रश्मि मुझसे प्यार करने लगी थी। लेकिन इतना सब
कुछ जान लेने के बाद भी मैं उसे भाव नही देता था। एक दिन जगह कम होने की वजह से रश्मि
कोचिंग में मेरे ठीक पास में ही बैठी हुई थी। मेने पहली बार उसके शरीर को इतने करीब
से देखा था। उसके फिगर में साथ ही उसकी गांड ओर बूब्स भी काफी लाजवाब थे। रश्मि मुझसे
बिल्कुल चिपक कर बैठी हुई थी इसलिए उसका शरीर मैं काफी अच्छे से महसूस कर सकता था।
उसके शरीर के स्पर्श से ही मेरी पेंट मैं एक लम्बा चौड़ा तम्बू तन चुका था।
इस दौरान रश्मि भी मुझे काफी घुरते हुए देख
रही थी और उसने मेरी पेंट पर बना हुआ तम्बू भी देख लिया था। इसलिए वो भी मुझे देखकर
दिखावटी गुस्सा बनाकर मुस्कुरा रही थी। मुझे फिर याद आता है कि मुझे अपने करियर पर
ध्यान देना है इसलिए मैं चुपचाप अपना ध्यान पढ़ाई में लगाने लगता हूँ। कुछ ही देर बाद
रश्मि जानबुझ कर अपना पेन टेबल के नीचे गिरा देती है और नीछे झुक कर अपना पेन उठाने
लगती है। इतने में ही मेरा ध्यान उसकी टॉप पर जाता है जिसमे से बूब्स की झलक दिखाई
देती है। उसके बूब्स देखकर तो मेरी नजर वहां से हटने का नाम ही नही ले रही थी। झुकने
के कारण उसकी टॉप भी उपर हो गयी थी जिससे उसकी गौरी ओर नंगी कमर को भी मैं साफ देख
पा रहा था। इस दृश्य को देखकर तो मेरा लन्ड ही खड़ा हो गया था। कुछ देर बाद रश्मि फिर
से खड़ी हुई और मेरे तम्बू को देख कर मुस्कुराने लगी। मैं कुछ समझ पाता कि इतने में
ही रश्मि ने मेरी जांघ पर अपना हाथ रख दिया था। मेरा लंड उस स्पर्श से ऐसे तन्ना रहा
था कि अभी के अभी वो चैन तोड़ कर बाहर ही आ जायेगा।
कुछ ही देर बाद हमारी कोचिंग की छुट्टी हो
जाती है लेकिन मैं समझ गया था कि रश्मि चुदाई की भूखी है। मुझे अपने करियर पर ध्यान
देना था इसलिए मैं रश्मि के चक्कर मे बिल्कुल भी नही पड़ना चाहता था। उस कोचिंग में
हुई घटना से मैं यह समझ गया था कि रश्मि प्यार वाला नही, बल्कि चुदाई वाला मटेरियल
है। कोचिंग के बाद अक्सर मैं अपने दोस्त के यहां कुछ देर पढ़ाई करने के लिए जाया करता
था। मेरे दोस्त के घर पर ही मेरी मुलाकात होती है मेरी कहानी के दूसरे कैरेक्टर यानी
शालिनी से ओर मैं आपको बताना चाहूँगा कि शालिनी बहुत ही अच्छी लड़की थी। शालिनी लड़को
से दूर रहने वाली ओर अपने घर वालों के लिए पढ़ाई में मन लगाने वाली एक संस्कारी लड़की
थी। शालिनी ने अब तक किसी से संबंध बनाना तो दूर किसी लड़के से कभी बात भी नही की थी।
मेने यह ठान लिया था कि मैं शादी करूँगा तो शालिनी के साथ ही करूँगा। कुछ दिनों तक
दोस्त के यहां पढ़ने जाने की वजह से शालिनी ओर मैं एक दूसरे को चाहने लगे थे और एक दिन
शालिनी का मेरे व्हाट्सएप पर मैसेज भी आता है। मैं अपने दोस्त की बहन को नही फसाना
चाहता था| लेकिन मैं भी क्या करता मुझे शालिनी से एकदम सच्चा प्यार हो गया था। रोजाना
की चैटिंग की वजह से शालिनी ओर मेरे बीच नजदीकियां बढ़ने लगी थी और एक दिन शालिनी ने
मुझे कह दिया कि वो मुझसे प्यार करती है। उस दिन के बाद से मैने शालिनी को ही अपना
सबकुछ मान लिया था।
रोजाना कोचिंग में रश्मि से मुलाकात होने के
बाद अब रश्मि के साथ भी मेरी नजदीकियां बढ़ने लगी थी, लेकिन शालिनी से प्यार हो जाने
के बाद मेने यह सोच लिया था कि मैं रश्मि के साथ बस एक दोस्त ही बनकर रहूंगा। लेकिन
मुझे नही पता था कि रश्मि मुझे बहुत ज्यादा प्यार करने लगी थी। रश्मि मुझे बार बार
फ़ोन कर के परेशान करती थी लेकिन मैं शालिनी से बात करने की वजह से उसके फ़ोन पर इतना
ध्यान नही दिया करता था। इस वजह से रश्मि मुझसे काफी ज्यादा नाराज हो जाया करती थी।
एक दिन रश्मि ने मुझे फोन कर के एक पार्क में मिलने के लिए बुलाया पहले तो मैने मना
कर दिया लेकिन उसके काफी जिद करने के बाद में रश्मि से पार्क में मिलने के लिए चला
गया था। रश्मि एक ब्लैक हॉट ड्रेस पहन कर पार्क में बैठी हुई थी। मैं उसके पास जाकर
बैठ गया था। मैं भले ही शालिनी से प्यार करता था लेकिन रश्मि भी अपनी अदाओं से मुझे
पागल करने में कोई भी कसर नही छोड़ रही थी। पार्क में बातें करते हुए रश्मि ने मुझे
बताया कि वो मुझसे प्यार करती है, लेकिन मेने भी उससे कह दिया कि मैं किसी ओर से प्यार
करता हूँ।
रश्मि समझ चुकी थी कि मैं अब उसके झांसे में
नही आने वाला हूँ। इसलिए उसने बात को पलट कर मुझसे दूसरी बातें करते हुए मेरी जांघ
पर उसने हाथ फेरना शुरू कर दिया था। उसके स्पर्श करने का तरीका ओर उसकी प्यारी बातों
ने मुझे तुरंत ही उत्तेजित कर दिया था। मैं अटक अटक कर बातें कर रहा था, जैसे कि मैं
अपना होश खोता ही जा रहा हूँ। बातों ही बातों में रश्मि ने मुझे चूमना शुरू कर दिया
था और मैने भी उसके होंठो को चूमना शुरू कर दिया था। उसके होंठ काफी नरम थे, मैं उनको
चूमते हुए पागल सा होता जा रहा था। कुछ देर बाद मुझे शालिनी का ख्याल आता है और मैं
तुरंत ही धक्का दे कर रश्मि को खुद से दूर कर देता हूँ। मैं समझ गया था कि अगर मेने
रश्मि के साथ सेक्स कर लिया तो वह मेरा पीछा पूरी जिंदगी भर नही छोड़ने वाली है।
उस दिन के बाद से में रश्मि से सिर्फ बातें
ही किया करता था। लेकिन मैं उससे कभी मिलने नही जाया करता था। रश्मि ओर शालिनी से बातें
करते हुए मुझे 1 साल बीत चुका था और मेरी एक अच्छी नौकरी भी लग गयी थी। कुछ दिनों बाद
ही मेने शालिनी से शादी कर ली थी। शालिनी के साथ मेरी जिंदगी काफी अच्छी चल रही थी,
लेकिन रश्मि ने ये जानने के बाद भी की मेरी शादी हो चुकी है उसने मुझे फोन कर के परेशान
करना बंद नही किया था। शालिनी काफी संस्कारी लड़की थी इसलिए सुहाग रात से लेकर शादी
के बाद तक मेने उसे हाथ तक नही लगाया था। लेकिन शालिनी को हमेशा यही लगता था कि सेक्स
ना मिलने की वजह से मैं उसके साथ ज्यादा समय नही बिताता हूँ लेकिन ऐसा नही था। मैं
शालिनी से दिल से प्यार करता था। शालिनी बहुत सीधी लड़की थी इसलिए उसे लगता था कि रिश्तों
को मजबूत बनाने के लिए सेक्स करना काफी जरूरी होता है।
जब एक रात शालिनी ओर मैं सो रहे थे। तभी शालिनी
ने अपनी छाती से साड़ी हटाते हुए मेरी जांघ पर हाथ फेरना शुरू कर दिया। इस अचानक की
कार्यवाही से मेरी नींद अचानक से टूट गयी थी। मैं समझ गया था कि यह संस्कारी लड़की आज
चुदने के पूरे मूड में है और मैं भी शादी के पहले से ही शालिनी को चौदने के लिए बहुत
तरस रहा था लेकिन मेने कभी उसकी इजाजत के बिना उसे चौदने के बारे में सोचा नही था।
लेकिन आज मैं भी उसे जमकर चुदाई का सुख देने के लिए तैयार बैठा हुआ था। मेने मौके पर
चौका मारते हुए शालिनी को चूमना शुरू कर दिया था। शालिनी का बदन भी किसी मस्त माल की
तरह लगता था। चूमते हुए शालिनी ने मुझे खुद से कई बार दूर करने की कोशिश की लेकिन मेरा
अब सब्र तो जैसे टूट ही चुका था
मेने शालिनी को उसके गले से लेकर उसके बूब्स
की उपरी दीवार तक चूमना शुरू कर दिया था। मेरे चूमने के कारण भोली दिखने वाली शालिनी
भी चुदने की प्यासी हो गयी थी।
कुछ नही देर में मेने शालिनी के सभी कपड़े उतार
दिए और उसके बूब्स को भी उसके कपड़े से पूरी तरह से आजाद कर दिया था। मेने उसके रसीले
बूब्स को मसलते हुए उसे चूसना शुरू कर दिया था। शालिनी के मुंह से उत्तेजना के कारण
तेज सिसकारियां निकल रही थी। उसके गुलाबी निप्पल ओर बड़े बूब्स को चूसने में मुझे काफी
मजा आ रहा था। उसके बूब्स को देख कुछ ही देर में मेरा ओजार तन के खड़ा हो गया था। मेने
उसकी उत्तेजना को बढ़ाने के लिए उसकी नाभि ओर जाँघों पर भी चूमना शुरू कर दिया था। मेने
देखा की शालिनी अब चुदने के लिए मेरे जा रही है। मेने उसे जरा भी इंतजार नही करवाते
हुए उसकी पेंटी को निकाल कर फेर दिया था। अब उसकी नंगी चुद के बीज को मैं अपनी जीभ
से ही चोदे जा रहा था। शालिनी अपने मुंह से आह आह ओह बस करते हुए मजे ले रही थी।
अब तक मैं शालिनी को प्यास को मिटाने के लिए
पूरी तरह से तैयार था। मेने ज्यादा इंतजार ना करते हुए शालिनी की चूत पर अपना लंड ले
जाकर रख दिया था। मेने शालिनी की चूत की दीवार पर अपना लन्ड रखते हुए एक ही शॉट के
अंदर अपना लंड शालिनी की चूत में भर दिया था। शालिनी तड़पते हुए चिल्लाने लगी थी और
कहने लगी थी कि “इसे जल्दी से बाहर निकालो”। लेकिन मैं भी कहा मानने वाला था। मेने
जोर जोर से झटके देते हुए शालिनी को चोदना शुरू कर दिया था। शालिनी दर्द से तड़पते हुए
आह आह के आवाजें निकाल कर रोने लगे गयी थी। लेकिन मैं उसका मुंह बंद करते हुए किसी
मशीन की रफ्तार से चोदे जा रहा था। कुछ देर बाद शालिनी भी अपने दर्द को भूलकर चुदने
का मजा लेने लग गयी थी। मेने शालिनी को फिर अलग- अलग पोजिशन में चोदना जारी रखा था।
करीब 20 मिनट तक मेरा लण्ड ऐसे ही शालिनी की गर्म चुद में रगड़ खा रहा था। इसके बाद
मेने अपना गर्म और गाढ़ा वीर्य शालिनी की ही छूट में ढोलकर झड़ गया था।
उस दिन के बाद शालिनी ओर मेने के बार चुदाई
की लेकिन अभी तक शालिनी मुझसे खुल कर चुदाई नही कर पा रही थी। उस दिन के बाद से तो
मेरे लंड को तो चुदाई की भूख सी लग गयी थी जो कि मिटने का नाम ही नही ले रही थी। वहीं
दूसरी तरफ रश्मि की भी शादी हो चुकी थी लेकिन उसके फ़ोन आना बंद ही नही हो रहे थे। लेकिन
मैं भी उसके फ़ोन का बिल्कुल भी ध्यान नही दिया करता था। एक दिन रश्मि मुझसे कई ज्यादा
नाराज़ हो चुकी थी। इसलिए उसने मुझे मिलने के लिए एक में बुलाया था। वो भी अब मुझे
भुला देना चाहती थी लेकिन वो मुझे बस एक बार पार्क में मिलना चाहती थी। रश्मि के कहे
अनुसार, एक दिन मैं उससे मिलने पार्क में चला गया था। रश्मि एक काली हॉट साड़ी में मेरे
सामने मौजूद थी। वो काफी खूबसूरत लग रही थी| मैं तो उसे बस देखता ही रह गया था। उसके
ब्लाउज में हलके से दिख उसके बूब्स ने तो मेरे लंड को ही खड़ा कर दिया था। हम दोनों
साथ में बैठ कर एक दूसरे को भूल जाने की बातें कर रहे थे, लेकिन इस दौरान मेरी नजर
उसके बूब्स से हट ही नही रही थी। उसके आंखों में हल्का सा काजल लगा हुआ था जो की मेरी
जान ही ले रहा था।
मुझसे अब ओर इंतजार नही हो पा रहा था। रश्मि
मुझसे बातें ही कर रही थी कि मैने उसके होंठ पर होंठ रख कर चूमना शुरू कर दिया था।
शादी के बाद तो उसका बदन काफी उभरा हुआ और लाजवाब सा लग रहा था। वो भी मुझे मजे से
चूमते ही जा रही थी। कुछ देर बाद रश्मि ने मुझे अपने से दूर करते हुए कहा कि “रुक जाओ
अभी नही ये सही जगह नही है”। रश्मि की चूत में भी काफी खुजाल थी और उसे मिटाना भी जरूरी
था। बहुत समय से मेरे पीछे पड़ी हुई रश्मि को चोदना भी काफी जरूरी था। मैं तुरंत ही
रश्मि को लेकर एक होटल में गया था। होटल का मालिक मेरा दोस्त ही था इसलिए ज्यादा पूछताछ
ना करते हुए मैं सीधा रश्मि को लेकर रूम में चला गया था। रूम में घुसते ही मेने रश्मि
के होंठ पर अपने होंठ रख कर उसे चूमना शुरू कर दिया था। रश्मि भी मुझे अपने हाथों से
जकड़ कर मुझे चूमते ही जा रही थी। अब मेने रश्मि को उठाया और सीधा बिस्तर की तरफ ले
गया था। मैं पहले रश्मि के ऊपर चढ़ गया और उसके ब्लाउज ओर ब्रा को खोलते हुए उसके गुलाबी
ओर बड़े नर्म बूब्स को मैने पूरी तरह आजाद कर दिया था। उसके बूब्स को देख कर तो मेरा
लंड ओर भी ज्यादा तन गया था। मेने उसके बूब्स को दबाते हुए उसे चूसना शुरू कर दिया
था।
रश्मि इससे ओर भी ज्यादा उत्तेजित होने लग
गयी थी। उसने तुरंत ही मुझे बिस्तर पर लिटाया ओर मेरे 7 इंच के लण्ड को बाहर निकालते
हुए उसे चूसना शुरू कर दिया था। वह लण्ड चूसने में काफी माहिर लग रही थी। मुझे लंड
चुसवाने में काफी ज्यादा मजा आ रहा था। मेरे मुंह से “ओह आह मजा आ गया” की आवाजें आने
लग गयी थी। मुझे देखकर रश्मि ओर भी फुर्ती के साथ मेरे लण्ड को हिलाते हुए उसे चूसे
जा रही थी। कुछ ही देर बाद मेने उसकी योनि में तेजी से उंगली करते हुए उसे उंगली से
चौदने लग गया था। मेरे तेजी से उंगली करने से उसका मुंह एक दम चुदासी औरत की तरह हो
गया था। कुछ देर ऐसे ही चुदने के बाद उसकी योनि ने पानी छोड़ दिया था। यह सब देख कर
मेरा लंड ओर भी ज्यादा तन गया था और रश्मि की गीली चूत में जाने के लिए पूरी तरह से
तैयार हो गया था। मेने तुरंत नही रश्मि के पेटीकोट को पकड कर फाड़ दिया और उसकी टांगों
को अपने कंधे पर रखकर एक ही झटके में अपना लंड उसकी चुत में उतार दिया था। मेरा लंड
उसकी चुत को चीरता हुआ सीधा अंदर तक पहुंच गया था। इस दौरान रश्मि की जोर से चीख निकल
गयी थी और उसके आंखों में से आंसू भी आने लग गए थे। कुछ देर तक रश्मि मुंह रोने जैसा
हो गया था लेकिन मेने उसे चोदना जारी रखा और देखते ही देखते रश्मि को भी चुदने में
मजा आने लगा था। रश्मि उस दिन बहुत अलग अलग पोजिशन में मुझसे चुद के गयी थी। उस दिन
के बाद मेने रश्मि को फिर कभी नही देखा और बस शालिनी के साथ अपनी जिंदगी बिता कर खुश
रहने लग गया था।
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