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हैल्लो दोस्तों, में अहमद आज आप सभी भीआईपीचोटी डॉट कॉम के चाहने वालों को अपने जीवन की एक सच्ची घटना सुनाने जा रहा हूँ। दोस्तों मेरी उम्र 18 साल और मेरा रंग गोरा में दिखने में अच्छा होने के साथ साथ मेरा बदन गठीला भी है और मेरे लंड का आकार सात इंच लंबा और दो इंच मोटा भी है। दोस्तों आप में आप सभी को बता दूँ कि मुझे बचपन से ही सेक्स का बहुत शौक रहा है। अब आज में आप सभी को अपनी एक सच्ची चुदाई की कहानी सुनाता हूँ, मुझे उम्मीद है कि यह सभी पढ़ने वालों को जरुर पसंद आएगी। दोस्तों में एक कॉलेज में पढ़ाई करता हूँ, वहीं पर मेरी एक बहुत अच्छी दोस्त है। जिसका नाम आबिदा है सच में वो बहुत ही सेक्सी सुंदर लड़की और हम दोनों आपस में एक बहुत अच्छे दोस्त है और हम दोनों एक दूसरे से बहुत खुले हुए भी है। फिर हम एक ही साथ बैठकर पढ़ते, बहुत मज़े मस्ती करते वो हमेशा मेरे ही साथ कॉलेज जाती थी और आती भी वो मेरे साथ ही थी और कभी कभी वो मेरे घर भी आ जाती है और में भी उसके घर चला जाता हूँ।
दोस्तों आबिदा एक 18 साल की दिखने में सुंदर गोरी बड़ी ही आकर्षक लड़की है और उसके बूब्स का आकार 30-34-32 है। दोस्तों वो बहुत ही सुंदर होने के साथ साथ खुले विचारों की हंसमुख स्वभाव की अच्छी लड़की है और उसका वो गोरा बदन देखकर मेरा दिल अब उस पर आने लगा था। फिर वो जब कॉलेज में एकदम टाईट कमीज पहनकर आती थी, तब में उसके मोटे मोटे गोरे बूब्स को ब्रा के अंदर बड़े गले की उस कमीज से बाहर निकलता हुआ देखा करता। दोस्तों एक दिन मेरे मन में विचार आने लगा कि क्यों ना इस कुंवारी चूत की लड़की को अब औरत बना दिया जाए और अब में उस मौके की तलाश में रहने लगा था, जिसका फायदा उठाकर में उसकी चुदाई के मज़े लेकर अपनी उस इच्छा को पूरा करके उसके साथ चुदाई के मज़े लेता। फिर ऐसे ही दिन गुज़र रहे थे और वो मेरे साथ अब पहले से भी ज्यादा खुलकर रहने लगी थी और हम दोनों बहुत हंसी मजाक घूमना फिरना मस्ती करने लगे थे, जिसकी वजह से अब हमारे बीच की दूरी धीरे धीरे कम होती चली गई। अब वो दिन भी आ ही गया जिसका मुझे बहुत दिनों से बड़ा इंतजार था। फिर उस दिन आबिदा मेरे घर आ गई और बिना दरवाजे को बजाए ही वो मेरे कमरे में सीधी अंदर आ गई।
दोस्तों में उस समय एक सेक्सी फिल्म देख रहा था और मुझे बिल्कुल भी पता नहीं चला कि वो कब मेरे कमरे में आकर मुझे वो फिल्म देखते हुए एकदम चकित होकर अपने मुहं पर अपने दोनों हाथों को लगाकर करीब पांच मिनट के बाद उसने मुझसे कहा कि अहमद तुम यह सब क्या कर रहे हो? अब में उसको अपने पास खड़ा देखकर बड़ा परेशान चकित हो गया। मेरा खड़ा लंड एक ही बार में डर की वजह से छोटा हो चुका था और मेरा सारा जोश ठंडा पड़ चुका था, लेकिन अब मन ही मन में खुश भी था। फिर मैंने उसको कहा कि प्लीज तुम यह सब किसी को मत बताना प्लीज। अब उसने मेरी तरफ देखकर मुस्कुराना शुरू किया और कहा कि में एक शर्त पर तुम्हारी यह बात किसी को नहीं कहूंगी? तुम मुझे भी यह फिल्म एक बार देखने दो। दोस्तों में तो उसके मुहं से वो बात सुनकर बहुत खुश हो गया और फिर मैंने मन में सोचा कि ले भाई अब तेरा इसके साथ चुदाई का काम अब बन गया। फिर मैंने दोबारा उस फिल्म को शुरू कर दिया और हम दोनों साथ में बैठकर उस फिल्म को देखते ही रहे, कुछ ही देर में मेरा लंड दोबारा बिल्कुल टाइट होकर खड़ा हो चुका था, लेकिन में आगे होकर पहल नहीं करना चाहता था।
फिर करीब दस मिनट के बाद उसने मुझसे कहा कि इन दोनों को देखो कितना मज़ा आ रहा है? यह दोनों ऐसा करके कैसा महसूस कर रहे होंगे? फिर जब मैंने उसके मुहं से यह सब सुना तभी मैंने हिम्मत करके उससे कहा कि हम दोनों भी यह सब मज़ा ले सकते है। अब उसने पूछा कि वो कैसे? फिर मैंने उससे कहा कि हम दोनों भी ऐसा ही सब करते है, उसके बाद तुम्हे भी मेरे साथ मज़े आने लगेगा। अब उसने कहा कि नहीं मुझे डर लगता है और फिर मैंने उसको कहा कि देखो आबिदा तुम्हारा भी मन अब जरुर सेक्स करने के लिए तैयार होता होगा और अगर तुम कहीं बाहर वाले के साथ सेक्स करोगी, वो तुम्हारे लिए और तुम्हारे घर वालों की इज्जत के लिए अच्छा नहीं होगा क्योंकि उसकी वजह से तुम सभी की बड़ी बदनामी होगी और उससे अच्छा तो यह होगा कि हम खुद ही वो सब कर ले। फिर उसके यह बात बस हम दोनों के बीच ही रह जाएगी किसी को कुछ भी पता नहीं चलेगा और उसकी वजह से तुम भी खुश हो जाना, तुम्हे एक नया मज़ा उस सुख का अनुभव पहली बार होगा, जिसको तुम पूरे जीवन नहीं भुला सकती। अब उसने मुझसे कहा कि हम दोनों यहाँ पर कैसे यह सब कर सकते है आज घर में सब है? फिर मैंने उसको मैंने समझाते हुए कहा कि जब कल में तुम्हे कॉलेज के लिए लेने आऊंगा, उस समय हम दोनों कॉलेज नहीं जाएगें, वहीं से हम दोनों किसी होटल में चले जाएगें।
फिर उसने मेरे मुहं से यह बात सुनकर तुरंत ही कहा कि हाँ ठीक है। दोस्तों उसके बाद वो कुछ देर बाद अपने घर चली गई, लेकिन उसके बाद मुझे तो पूरी रात उसकी चुदाई के बारे में सोच सोचकर नींद ही नहीं आई, में लेटे हुए सोचता ही रहा और पता नहीं कब में सो गया। फिर दूसरे दिन सुबह हुई और मैंने खुश होते हुए उठकर कपड़े पहने और में हंसी खुशी अपने घर से निकल पड़ा और सबसे पहले में अपने दोस्त के पास गया, जिसका एक मेडिकल स्टोर है। फिर मैंने उसको मुझे कंडोम और काम शक्ति को बढ़ाने वाली गोली देने के लिए कहा और उसने तुंरत ही मुझे वो सब से दिया। फिर में खुश होकर उसके घर की तरफ चल पड़ा और कुछ देर बाद में उसके घर पहुंचा गया, मैंने दरवाजे पर लगी घंटी को बजाया और कुछ देर खड़े बाहर इंतजार करने के बाद दरवाजा खोलकर आबिदा बाहर निकली। अब में उसको घूरकर देखता ही रह गया क्योंकि वो उस समय बहुत ही सेक्सी लग रही थी और उसके चेहरे पर भी वो खुशी एक मुस्कुराहट साफ साफ नजर आ रही थी जो उसके मन में चल रही बातों उस उत्सुकता को बता रही थी। फिर वो मेरे साथ मेरी गाड़ी पर बैठ गई और उसके बाद हम दोनों एक होटल में पहुंच गये, मैंने हम दोनों के लिए एक रूम लिया और फिर हम दोनों उसके अंदर पहुंच गए।
अब हम दोनों ने बहुत मज़ा करने लगे थे, मज़े मस्ती करके हमे बहुत मज़ा आ रहा था और हम दोनों बड़े खुश हे, कुछ देर बाद मैंने अपने मोबाइल पर उसको सेक्सी फिल्म शुरू करके दिखाना शुरू किया। फिर करीब पांच मिनट के बाद उसने मेरे लंड पर हाथ रखकर सहलाना शुरू किया और अब मैंने भी अपनी तरफ से शुरू किया। दोस्तों सबसे पहले मैंने उसके एक बूब्स पर हाथ रखा और में उसको दबाने के साथ साथ सहलाने भी लगा था। फिर कुछ देर बाद में उसके नरम गुलाबी होंठो का रस पीते हुए उसके दोनों बूब्स को अब ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा था, जिसकी वजह से वो अब गरम होने लगी थी और में दबाते हुए लगातार उसके होंठो को अपने होंठो से मिलाकर चूमने लगा। दोस्तों जिसकी वजह से मुझे वाह क्या मस्त मज़ा आ रहा था और कुछ देर बाद वो भी मेरा पूरा पूरा साथ देने लगी थी और हम दोनों ऐसे ही पागलों की तरह जोश में आकर एक दूसरे को चूमते चाटते रहे। फिर कुछ देर बाद मैंने उसका वो जोश देखकर अपने एक हाथ को उसकी सलवार के ऊपर रख दिया। अब वो नहीं नहीं करने लगी थी, लेकिन मैंने उसकी एक भी बात को नहीं सुना और फिर मैंने बिना देर किए उसकी सलवार को उतार दिया। दोस्तों ये कहानी आप भीआईपीचोटी डॉट कॉम पर पड़ रहे है।
दोस्तों मैंने देखा कि उसने सलवार के अंदर काले रंग की पेंटी पहनी थी जो उसके गोरे कामुक बदन की सुंदरता को चार चाँद लगा रही थी और अब में पेंटी के ऊपर से ही उसकी चूत को सहलाने लगा था, जिसकी वजह से उसके पूरे बदन में करंट दौड़ने लगा। वो जोश में आकर सिसकियाँ लेने लगी थी। फिर मैंने उसका वो जोश तड़पना देखकर उसकी कमीज़ को भी झट से उतार दिया और अब उसके गोरे गोरे बूब्स को उस काले रंग की ब्रा में देखकर मेरी हालत पहले से भी ज्यादा खराब हो चुकी थी। मेरे लंड ने झटके देने शुरू कर दिए। अब मैंने उसकी ब्रा के हुक को भी खोल दिया और फिर क्या था मेरी आखों के सामने अब उसके एकदम गोल बड़े आकार के बूब्स और उसके गुलाबी रंग के निप्पल थे और में उनको चूसने दबाने लगा रहा, ऐसा करने से हम दोनों को बड़ा मस्त मज़ा आ रहा था। वो जोश में आकर मेरे सर को अपनी छाती पर दबाने लगी। फिर थोड़ी देर के बाद मैंने उसकी पेंटी को भी उतार दिया और उसके बाद मेरी आखों ने वो देखा जिसकी वजह से में अपने होश खो बैठा। दोस्तों मेरी चकित आखों के सामने अब एक बिल्कुल टाइट और बिना बालों की चमकदार चूत थी, जिसको देखकर में पागल हो चुका था। फिर मैंने तुरंत ही उसको अपने सामने लेटा दिया और तुरंत उसके दोनों पैरों को खोलकर में अब उसकी चूत को अपनी जीभ से चाटने लगा और वो मज़े मस्ती की वजह से सिसकियाँ लेते हुए आह्ह्ह ऑश उह्ह्ह कर रही थी।
अब मैंने अपनी पूरी जीभ को उसकी चूत में डालकर चूत के दाने को चूसना सहलाना शुरू किया, जिसकी वजह से वो सिसकियाँ भरने लगी और मेरे सर के बाल पकड़कर वो मेरे मुहं को अपनी चूत के मुहं पर दबाने लगी थी। अब में तुरंत ही उसकी इस हरकत की वजह से समझ गया कि यह अब गरम होने लगी है और मैंने अब अपनी पेंट को उतार दिया और शर्ट को भी मैंने उतारकर दूर फेंक दिया। फिर जब उसने पहली बार मेरा तनकर खड़ा मोटा लंबा लंड देखा तो उसने मुझसे कहा कि प्लीज यह सब ना करो। में दर्द की वजह से मर जाउंगी और तुम्हारा यह बहुत लंबा और मोटा भी है। अब मैंने जबरदस्ती अपने लंड को उसके मुहं में डाल दिया और करीब पांच मिनट तक वो मेरा लंड चूसती रही और में उसके मुहं में हल्के हल्के धक्के देकर उसका मुहं चोदता रहा। मेरा लंड लोहे के सरिये की तरह खड़ा बहुत गरम था। फिर मैंने लंड को उसके मुहं से बाहर निकालकर एक गोली खाई और अपने लंड पर कंडोम लगा लिया। अब में एक बार फिर से उसके बूब्स को दबाने लगा और चूसने लगा। फिर मैंने करीब पांच मिनट के बाद उसको अपने सामने एकदम सीधा लेटा लिया और अब में उसकी गीली कामुक चूत पर अपने लंड का टोपा फेरने लगा।
अब वो जोश में आकर मचलने लगी और में उसकी चूत के दाने को सहलाने लगा और मैंने उसका वो जोश देखकर सही समय पर एक ज़ोर का धक्का मार दिया, जिसकी वजह से मेरे लंड का टोपा उसकी चूत के अंदर चला गया और वो दर्द की वजह से छटपटाते हुए ऊईईईई आहह्ह्ह्ह माँ में मर गई प्लीज तुम इसको अब बाहर निकालो करने लगी। अब मैंने तुरंत ही उसके होंठो पर अपने होंठ रख दिए जिसकी वजह से उसकी आवाज अंदर ही दबकर रह गई और उसी बात का फायदा उठाकर मैंने दोबारा एक ज़ोर का धक्का मार दिया। दोस्तों अब मेरा आधा लंड उसकी चूत के अंदर जा चुका था और वो दर्द की वजह से मचल गई। वो रोने भी लगी थी और अपने मुहं के आजाद करके चीखने लगी। अब में वैसे ही रुक गया और उसके बदन को सहलाने उसके दर्द के कम होने का इंतजार करने लगा और कुछ देर बाद जब वो थोड़ा सा मुझे शांत नजर आई। फिर में दोबारा अपने लंड को उसकी गीली चूत में आगे पीछे करने लगा और अब मैंने देखा कि उसकी चूत से खून भी निकल रहा था, लेकिन मैंने उसको कुछ भी नहीं बताया। अब मैंने सही मौका देखकर अपना पूरा लंड उसकी रसभरी चूत के अंदर डाल दिया और अब वो भी चिल्लाने की जगह मेरे साथ अपनी चुदाई के मज़े ले रही थी।
दोस्तों वो अब सिसकियाँ लेते हुए मुझसे कहने लगी ओह्ह्ह आह्ह्ह्ह हाँ और ज़ोर से डालो वाह मुझे बहुत मज़ा आ रहा है हाँ जाने दो पूरा अंदर तक, तुमने मुझे आज असली मज़ा वो सुख दिया है जो मुझे कभी नहीं मिल सकता। में इस मज़े के लिए कितने दिनों से तरस रही थी। हाँ मेरे राजा तुम चोदो मुझे जमकर मेरी आज तुम चुदाई करो, फाड़ दो मेरी इस चूत को इसने मुझे बहुत परेशान किया है। दोस्तों फिर तो मैंने भी जोश में आकर मस्त मज़े लेते हुए उसकी चूत को 35 मिनट तक लगातार एक जैसे धक्के देकर मारी और वो इस बीच दो बार झड़ चुकी, लेकिन में लगातार ही लगा रहा उसके बाद फिर मैंने अपने लंड को चूत से बाहर निकाल लिया और तुरंत ही उसके मुहं में डाल दिया और फिर में कुछ देर धक्के देकर झड़ गया और उसके बाद हम दोनों थककर लेट गये। दोस्तों उस दिन हम दोनों ने बहुत मस्त मज़े किए। दोस्तों में उम्मीद करता हूँ कि सभी पढ़ने वालों को मेरी यह कहानी जरुर पसंद आई होगी ।।
धन्यवाद