हैल्लो दोस्तों, में कुनाल अब सभी खड़े लंडो का माल निकालने और प्यारी चूतो को गीला करने के लिए SexMasti.org पर फिर से हाजिर हूँ. ये कहानी एक साल पहले की है जब में मीटिंग के लिए पुणे से मुंबई गया था. हम एक पाँच सितारा होटल में रुके थे और लगभग वहाँ 55 लोग थे, जिसमें 3 लडकियाँ थी.
उसमें से एक लड़की थी अवनीत, जो कि दिल्ली से ही हमारे साथ में गयी थी. वो मेरे बहुत करीब थी और मेरी उससे जान पहचान थी और में कभी उस पर फ्लर्ट भी करता रहता था, क्योंकि में उसका सीनियर था तो वो हमेशा हंस देती थी. उसकी उम्र 22 साल थी और उसकी हाईट 5 फुट 3 इंच के आस पास थी और उसका फिगर साईज 32-26-30 था. वो बहुत स्लिम ट्रिम और एक्टिव थी. में हमेशा से उसकी चूची को छूना चाहता था और मन में हमेशा सोचता रहता था कि इसकी चूत कितनी प्यारी और कितनी मुलायम होगी? कई बार तो मैंने अपना माल ये सोचकर ही निकाला है. मेरी हाईट 5 फुट 11 इंच है, मेरे लंड का साईज़ इतना है कि किसी भी चूत का भोसड़ा बन सकता है, मेरा फेयर कलर और वजन 70 किलोग्राम है.
अब में वापस स्टोरी पर आता हूँ और हम सभी को डबल शेयरिंग पर रूम
मिले थे और वह 3 गर्ल्स थी, तो एक को अकेले रूम मिलना ही था. अब हम शाम को लगभग 5 बजे मुंबई पहुँचे
थे और फिर हम दिल्ली वाले सभी 12 लोगों ने घूमने का प्रोग्राम बनाया और हम जुहू और मरीन ड्राइव
घूमकर लगभग 11 बजे रात में वापस आए. इस बीच मैंने अवनीत से ढेर सारी बातें की और
बीच-बीच में फ्लर्ट भी करता रहा.
अब वो भी मेरी हरकतों को इग्नोर कर रही थी, फिर होटल वापस आकर
हमने डिनर किया और अपने-अपने रूम में चले गये, क्योंकि सुबह 9 बजे मीटिंग शुरू
होनी थी. फिर रूम में पहुँचकर मैंने अपने कपड़े चेंज किए और मेरा रूम पार्ट्नर
गुजरात से था. फिर थोड़ी देर तक मैंने उससे बातें की और फिर वो सो गया. अब मुझे
नींद नहीं आ रही थी और अब बार-बार अवनीत की चूत मेरे दिमाग़ पर हावी हो रही थी.
फिर मैंने अपना मोबाईल उठाया और उसे एक मैसेज किया
में – सो गई क्या?
अवनीत – नहीं, नींद नहीं आ रही है.
में – क्यों?
अवनीत – मुझे अकेले में नींद नहीं आती है, में रोज अपनी माँ
और बहन के साथ जो सोती हूँ.
में – में तुम्हारी बात से सहमत हूँ, लेकिन तुम्हारी माँ और बहन तो यहाँ आ नहीं सकती, तो में आ जाऊं.
फिर उसका कोई रिप्लाई नहीं आया तो मैंने सोचा कि वो नाराज हो गई
होगी. फिर मेरा खड़ा लंड तुरंत ढीला हो गया. अब लगभग में सोने वाला था कि तभी मुझे
एक मैसेज आया तो जैसे ही मैंने देखा तो ये अवनीत का मैसेज था और उसमें 808 लिखा था. फिर में
तुरंत उठा, लेकिन उससे भी पहले मेरा लंड उठ चुका था, शायद अब मेरा लंड
ये समझ गया था कि आज ये जन्नत के दर्शन करके उसमें एंट्री करने वाला है. फिर में
आठवें फ्लोर पर पहुँचा और डोर बेल बजाई, तो अवनीत ने दरवाजा खोला. वो पिंक
नाइटी में बहुत सेक्सी और हॉट लग रही थी.
अब मेरा मन तो किया कि बस अभी इसे खा जाऊं, लेकिन फिर मैंने
अपने आप पर कंट्रोल किया और बोला कि क्या इरादा है? माँ चाहिए या बहन. फिर उसने मुझे
स्माइल दी और कहा कि आप बताओं क्या बनना है? माँ को में चिपकती हूँ और बहन मुझसे
चिपककर सोती है. फिर मैंने बोला कि फिर तो बहन ही बनना अच्छा है और कहकर बिना एक
सेकेंड की देरी किए उसे अपनी बाहों में जकड़ लिया, अब में उसे बहुत ज़ोर से पकड़े हुए
था.
फिर मैंने उसके गाल पर किस किया और अब वो पूरी लाल हो रही थी.
फिर मैंने बड़े प्यार से अपने होंठ उसके होंठो पर रख दिए तो मुझे ऐसा लगा
जैसे में गुलाब की पंखुड़ी पर अपने होंठ लगा रहा हूँ. अब उसकी आँखे बंद हो
गई थी. अब में धीरे-धीरे उसके नाज़ुक होंठो को एक-एक करके पी रहा था. अब वो
भी मेरा साथ दे रही थी, फिर उसने अपना मुँह खोला तो मेरी पूरी जीभ उसके
मुँह में समा गई.
अब मुझे पता ही नहीं चला था कि कब मैंने उसे बेड पर लेटा दिया था. अब मेरा एक हाथ उसके सिर के नीचे था और मेरा दूसरा हाथ उसके बूब्स पर था और में उसकी नाइटी के ऊपर से ही उसे बड़े प्यार से सहलाने लगा था. अब वो बहुत तड़प रही थी. फिर धीरे-धीरे मेरा हाथ उसकी नाभि के पास गया और फिर मैंने उसकी नाइटी की बेल्ट खोल दी.

फिर में हल्का सा उठा और पर्दे की तरह अपने दोनों हाथों से उसकी
नाइटी दोनों साईड से हटाई, तो मैंने एक बहुत गहरी साँस ली और बस उसे कुछ देर तक देखता ही रहा.
अब उसने पिंक ब्रा और जालीदार पिंक पेंटी पहनी थी, वो शायद मेरी जिंदगी का सबसे शानदार
सीन था. अब उसकी आँखे बंद थी, फिर मैंने जल्दी से अपने कपड़े उतारे और उसके हाथ में जलता हुआ
अपना लंड पकड़ा दिया, उसे ये बताने के लिए कि आज यही 8 इंच का गर्म फौलादी लंड तेरी चूत को
फाड़ने वाला है. अब वो सकपका गयी और उसने जल्दी से अपना हाथ हटाया. मैंने फिर से
उसका हाथ अपने लंड पर रख दिया और वो बोली कि ये तो बहुत ही गर्म है और इतना बड़ा
है.
फिर मैंने कहा कि जान चिंता ना करो ये तेरी चूत में जाकर छोटा हो
जाएगा. फिर वो शरमा गयी, शायद पहली बार उसे ऐसा किसी ने बोला था. फिर
मैंने उसकी ब्रा निकाली और फिर एक-एक करके उसके निपल्स चूसने लगा और
बीच-बीच में उसकी चूत पर भी काट रहा था. अब वो बिन पानी की मछली की तरह
बहुत तड़प रही थी.
फिर में धीरे-धीरे उसके निपल्स से नाभि और फिर उसकी चूत के ऊपर के
हिस्से पर किस करता हुआ पहुँचा. अब उसने अपने दोनों पैर बंद किए हुए थे. फिर मैंने
बड़े प्यार से उसके दोनों पैर खोले और उसके दोनों पैरो के बीच में आ गया. अब मैंने
पहली बार उस जन्नत के दर्शन किए थे. दोस्तों क्या चूत थी उसकी? छोटे-छोटे रेशमी
मुलायम बाल के बीच में वो पिंक चूत चमक रही थी. शायद वो चमक उस अमृत की छोटी-छोटी
बूँदो के कारण थी, जो शायद अभी बाहर आई थी. फिर मैंने धीरे-धीरे उसकी चूत को चाटना
शुरू किया और अब में उस अमृत की एक-एक बूँद को पीकर अमर होना चाहता था, तो में पीता गया, पीता गया और अब वो
पागल हुए जा रही थी. अब उसने मेरा सिर पकड़कर अपनी चूत पर दबाया हुआ था.
फिर उसने मुझे बहुत ज़ोर से पकड़ा और फिर वो अकड़ने लगी. शायद अब उसकी नदी के बहने का टाईम आ गया था और फिर उसने अपना काफ़ी सारा अमृत मुझे दे दिया और में उसे पूरा पी गया. फिर मैंने उसको मेरा गर्म लंड अपने मुँह में लेने के लिए बोला, लेकिन वो नहीं मानी और बोली कि जहाँ देने की जगह है वहाँ दे दो, बस अब इंतजार नहीं हो रहा है.
फिर में उसके ऊपर आया और अपने हाथ से अपने 2 इंच मोटे लंड का
टोपा उस जन्नत के यानि उसकी चूत के मुँह पर रखा और हल्का सा दबाया तो वो उछल पड़ी
और बोली कि इतना लंबा तो है ही, लेकिन ये इतना मोटा भी है, ये अंदर नहीं जा पाएगा, प्लीज़ रहने दो, ये मेरी बुरी हालत
कर देगा और वैसे भी में पहली बार ऐसा कर रही हूँ. फिर मैंने सोचा कि अगर इसका पहली
बार है तो खून आने का ख़तरा है और वो बेडशीट खराब कर देगा इससे सुबह दिक्कत हो
सकती है.
फिर मैंने उसे प्यार से अपनी गोद में उठाया और ज़मीन पर बिछे लाल
कारपेट पर प्यार से लेटा दिया. फिर उसने पूछा कि क्या हुआ? तो मैंने बोला कि
कुछ नहीं यहाँ आराम से होगा. फिर मैंने दुबारा से अपने लंड का टोपा उसकी कोमल चूत
के मुँह पर रखा और एक मीडियम सा झटका दिया तो वो तड़प गयी और बोली कि बाहर निकालो
इसे अभी, प्लीज़ मुझे छोड़ दो.
फिर मैंने अपने होंठ उसके होंठ पर रख दिए और स्मूच शुरू कर दी. फिर
जैसे ही वो थोड़ी शांत हुई तो मैंने अपने पूरे जोर के साथ एक धक्का दिया और उसे
जकड़ कर पकड़ लिया. अब उसकी चीख जोर से निकल पड़ी थी. अब उसकी आँखे नम थी, शायद उसे बहुत दर्द
हो रहा था, लेकिन मैंने उसे बिना हीले बस जकड़ कर पकड़े रखा था.
फिर धीरे-धीरे वो नॉर्मल हुई तो मैंने अचानक आगे पीछे करना शुरू किया. अब धीरे-धीरे मेरी स्पीड बढ़ रही थी और अब वो भी अपनी चूत बार-बार ऊपर कर रही थी. अब में अपनी फुल स्पीड में पहुँच गया था और अब वो भी अपनी फुल स्पीड में आ चुकी थी. फिर मैंने उसे चोदते हुए देखा तो अब मेरा लंड खून में लाल था और अंदर बाहर जा रहा था. शायद वो सच बोल रही थी कि ये उसका पहली बार है.

फिर लगभग 25 मिनट की जबरदस्त चुदाई के बाद मैंने अपना लंड बाहर निकाला और
सारा माल उसके बूब्स और पेट पर गिरा दिया और फिर हम ऐसे ही पड़े रहे. फिर
थोड़ी देर के बाद जब मेरी आँख खुली तो मैंने देखा कि 4 बज चुके थे. फिर
मैंने उसे उठाया और बेड पर लेटाया. अब वो सही से चल भी नहीं पा रही थी. फिर
में जल्दी से अपने रूम की तरफ़ गया और 3 घंटे और सोया. फिर जब में मीटिंग
में पहुँचा तो मैंने देखा कि वो एकदम फ्रेश लग रही थी, लेकिन मुझे उसके
चलने में दिक्कत नज़र आ रही थी.